जैथरा (एटा)। विकासखंड जैथरा की ग्राम पंचायत दहेलिया में मनरेगा कार्यों में खुला खेल हो रहा है। फर्जी एमबी के सहारे तकनीकी सहायक की मिलीभगत से लाखों रुपये का आहरण कर लिया गया। अग्र भारत समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद पंचायत में हड़कंप मच गया।
समाचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि उमेश के खेत से लेकर बंबा की पुलिया तक चकमार्ग पर कागजों में कार्य दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान उठा लिया गया था। लेकिन 15 अगस्त तक मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ। मार्ग पूरी तरह गड्ढों से भरा और बदहाल स्थिति में था।
खबर प्रकाशित होते ही जिम्मेदारों ने लीपापोती शुरू कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों पर सवाल उठने के डर से आनन-फानन में कुछ मिट्टी डालकर और गड्ढों को पाटकर काम पूरा दिखाने की कोशिश की जा रही है।
सूत्रों का दावा है कि पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार की जड़ तकनीकी सहायक हैं। आरोप है कि ये लोग प्रधान से सांठगांठ कर 10 प्रतिशत कमीशन लेकर काम पास करते हैं। यही वजह है कि कागजों पर करोड़ों खर्च हो जाते हैं, मगर धरातल पर विकास नहीं दिखता।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि दहेलिया पंचायत में हुए कार्यों की स्वतंत्र जांच कराई जाए और फर्जी एमबी बनाकर धन आहरण करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
