महिला थानाध्यक्ष शिवांगी त्रिपाठी पारिवारिक सुलह समझौता में दोहरे शतक के करीब; 6 महीने में 150 से अधिक जोड़ो को अलग होने से बचाया

Kulindar Singh Yadav
3 Min Read
महिला थानाध्यक्ष शिवांगी त्रिपाठी

अंबेडकर नगर | वर्तमान समय में छोटी-छोटी बातों को लेकर जिस प्रकार से विवाहित जोड़ों में अलग होने की खबरें आए दिन देखने को मिलती हैं यह कहीं से भी एक सभ्य समाज के लिए अच्छा नहीं होता है | वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आपसी मनमुटाव के चलते अलग होने का मन बना चुके विवाहित जोड़ों को फिर से एक करने के लिए मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत प्रयास किया जा रहा है | जिसमें प्रदेश स्तर पर काफी सफलता भी मिली है |
मौजूदा मामला अंबेडकर नगर जिले से है जहां पर महिला थानाध्यक्ष शिवांगी त्रिपाठी ने एक बार फिर से एक ही दिन में तीन जोड़ों के मध्य पारिवारिक विवाद को सुलझा कर राजी खुशी उनकी विदाई कराई |

मात्र कुछ महीनो में ही हासिल किया बड़ा मुकाम

शिवांगी त्रिपाठी को महिला थानाध्यक्ष का कार्यकाल संभाले हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं, लेकिन इन 6 महीनो में सरकार की मंशा के अनुरूप अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए उनके द्वारा लगभग 200 जोड़ों के मध्य समझौता कराया जा चुका है | यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है |

See also  एटा: सपा शासन काल में था रामेश्वर जुगेंद्र का भौकाल, थर-थर कांपते थे जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान; अब दरोगा भी दिख रहा कानून की ताकत

पारिवारिक जिम्मेदारियां और बढ़ते खर्च बन रहे हैं कारण

ज्यादातर मामलों में यह देखने को मिलता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियां और बढ़ते खर्च विवाद का कारण बन रहे हैं | अधिकांश मामलों में पति बाहर रोजी-रोटी के लिए कार्य करने को मजबूर रहते हैं और पत्नी घर की जिम्मेदारियां को संभालते देखी जाती हैं | लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियां के बोझ के चलते ज्यादातर महिलाएं बिखर जाती हैं और जब अपने साथी का सकारात्मक सहयोग नहीं मिल पाता है तब जाकर अलग होने की स्थिति पैदा होती है | कुछ मामलों में वृद्ध मां-बाप की देखभाल उचित तरीके से न होने के कारण भी अलगाव की स्थिति देखने को पाई गई है |

See also  महापौर हेमलता दिवाकर ने नगर आयुक्त के खिलाफ खोला मोर्चा, लगाए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, सहायक अभियंता के खिलाफ जांच की मांग

महिला थानाध्यक्ष को जाता है सारा श्रेय

एक तरफ कानून व्यवस्था की स्थिति और दूसरी तरफ पारिवारिक मामलों का शांतिपूर्वक और सकारात्मक निपटारा करने की जिम्मेदारी वर्तमान समय में महिला थानाध्यक्ष के ऊपर है | लेकिन बेहतर कार्यकुशलता, वाकपटुता और अपनी जिम्मेदारियां में सामंजस्य के बदौलत अभी तक महिला थानाध्यक्ष शिवांगी त्रिपाठी बखूबी अपनी जिम्मेदारियां को निभाती नजर आ रही हैं | मैडम से मिलकर लौटने वाले पीड़ित मैडम की संवाद शैली की तारीफ करते नजर आते हैं |

See also  एटा: सपा शासन काल में था रामेश्वर जुगेंद्र का भौकाल, थर-थर कांपते थे जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान; अब दरोगा भी दिख रहा कानून की ताकत
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement