मेरठ के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण के नए तरीकों को अपनाने के लिए प्राचार्य मनोज कुमार आर्य के नेतृत्व में पुराने छात्रों को एक साथ लाना था।
विविध विषयों पर चर्चा:
इस कार्यशाला में 6 जिलों से आए 72 प्राथमिक शिक्षकों ने भाग लिया। उन्होंने बच्चों के सीखने के तरीकों, संगीत के माध्यम से शिक्षा, बाल विकास, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा और शारीरिक शिक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।
सभी प्रतिभागियों को 10 समूहों में विभाजित किया गया और उन्हें कविताएँ, कहानियाँ और संगीत के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इस प्रायोगिक कार्य ने शिक्षकों को सीखने के नए तरीकों को समझने और उन्हें अपने कक्षाओं में लागू करने में मदद की।
प्राचार्य का उद्बोधन:
कार्यक्रम के अंत में, डायट के प्राचार्य ने बाल-केंद्रित शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
सफल कार्यशाला:
यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए एक अद्भुत अवसर थी। उन्होंने न केवल नए विचारों का आदान-प्रदान किया बल्कि एक-दूसरे से सीखने का मौका भी मिला।
ये रहे उपस्थित
इस कार्यशाला में मॉडरेटर के रूप में डॉक्टर अनुराधा पाल, डॉक्टर सरोज, पिंकी शर्मा, गजानंद यादव, विवेक कुमार, ओमप्रकाश यादव, कपिल, सचिन कुमार, भगवान सहाय तथा समस्त डायट प्रवक्ता उपस्थित रहे।