आज विश्व स्ट्रोक दिवस, जानें कैसे नियमित व्यायाम स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, सही जीवनशैली अपनाकर स्ट्रोक से बचाव संभव है।
आगरा। 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्ट्रोक के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके निवारण के उपायों को प्रमोट करना है। इस साल की थीम #ग्रेटर दैन स्ट्रोक एक्टिव चैलेंज है, जो खेलों और शारीरिक गतिविधियों को स्ट्रोक रोकने और पुनर्वास में महत्वपूर्ण बताती है।
देश में हर 40 सेकंड में कोई न कोई व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार होता है, और हर चार मिनट में इस गंभीर स्थिति के कारण किसी की जान चली जाती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है। इसका मुख्य कारण इस्केमिक स्ट्रोक में रक्त के थक्के बनना या हेमरेजिक स्ट्रोक में रक्त वाहिका का फटना होता है।
यथार्थ सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अमित श्रीवास्तव के अनुसार, नियमित व्यायाम स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और मोटापे जैसे प्रमुख जोखिम कारकों को नियंत्रित करता है।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और स्ट्रोक का जोखिम कम करती है। जल्दी पहचान और समय पर उपचार ही जान बचाने का एकमात्र उपाय है।
स्ट्रोक से प्रभावित व्यक्तियों के लिए व्यायाम केवल निवारक उपाय नहीं, बल्कि पुनर्वास का एक साधन भी है। मस्तिष्क की नई तंत्रिका संपर्कों को विकसित करने की प्रक्रिया को “न्यूरोप्लास्टीसिटी” कहा जाता है, जिसमें व्यायाम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यथार्थ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने हाल ही में अपने न्यूरोसाइंसेज विभाग को अपग्रेड किया है, जिसमें विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन और प्रशिक्षित स्पाइन सर्जन शामिल हैं, जो उच्चतम स्तर की न्यूरोलॉजिकल देखभाल प्रदान करते हैं।
इस विश्व स्ट्रोक दिवस पर, सभी से अपील है कि वे नियमित व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और स्ट्रोक से बचने के उपायों को अपनाएं।