वाह! 58 साल की मुन्नी देवी बनीं ‘दुर्गा’, टूटी हड्डी पर लुटेरे को सिखाया सबक, 12 दिन से पुलिस थी फेल!

Deepak Sharma
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मेरठ: मेरठ में एक ऐसी साहसी महिला की कहानी सामने आई है, जिसने बहादुरी की नई मिसाल कायम की है। 58 वर्षीय मुन्नी देवी ने अपनी टूटी हुई हाथ की परवाह किए बिना उस लुटेरे को धर दबोचा, जिसे पुलिस पिछले 12 दिनों से पकड़ने में नाकाम रही थी। मुन्नी देवी की बहादुरी और हिम्मत की हर कोई सराहना कर रहा है।

12 दिन पहले लूटा था कुंडल, पुलिस के हाथ खाली

भवानीपुरम में रहने वाली 58 वर्षीय मुन्नी देवी 21 अप्रैल को एक लुटेरे का शिकार बनी थीं। बदमाश ने उनसे एक कुंडल लूट लिया था, जिसके बाद मेडिकल थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। वारदात के बाद से लुटेरा उसी इलाके में घूम रहा था, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी थी।

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हिम्मत न हारी, टूटी हड्डी पर पकड़ा लुटेरा

शुक्रवार दोपहर को जब मुन्नी देवी भवानीपुरम में थीं, तो उन्होंने अचानक उस लुटेरे को पहचान लिया जिसने उनका कुंडल छीना था। बिना डरे, मुन्नी देवी उससे भिड़ गईं। लुटेरे ने भागने की कोशिश में उनका हाथ बुरी तरह से मरोड़ दिया, जिससे उनकी हाथ की हड्डी टूट गई। लेकिन इस दर्दनाक चोट के बावजूद मुन्नी देवी ने हिम्मत नहीं हारी और लुटेरे को कसकर पकड़े रखा और शोर मचाना शुरू कर दिया।

लोगों ने दिखाई एकजुटता, लुटेरा धरा गया

मुन्नी देवी की बहादुरी और शोर सुनकर आसपास के लोग तुरंत इकट्ठा हो गए। उन्होंने लुटेरे को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की। इसके बाद लोगों ने बदमाश को पुलिस के हवाले कर दिया।

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लुटेरे की पहचान और कबूलनामा

सूचना मिलने पर जेलचुंगी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और लुटेरे को थाने ले गई। पूछताछ में उसकी पहचान सुभाष नगर निवासी अनिल के रूप में हुई। अनिल ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने लूटा हुआ कुंडल साढ़े सात हजार रुपये में बेच दिया था।

पुलिस कर रही है आगे की कार्रवाई

थाना प्रभारी शीलेश यादव ने बताया कि आरोपित अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब उस सुनार की भी तलाश कर रही है जिसने लूटा हुआ कुंडल खरीदा था।

मुन्नी देवी की बहादुरी ने न केवल एक अपराधी को पकड़वाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि हिम्मत और साहस उम्र के बंधन से परे होते हैं। उनकी इस बहादुरी की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है और लोग उनकी दिलेरी को सलाम कर रहे हैं। वहीं, पुलिस की नाकामी के बाद एक बुजुर्ग महिला की इस सफलता ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

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