राज्य कर्मचारियों के लिए नई स्थानांतरण नीति
कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों के लिए नई स्थानांतरण नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत, प्रदेश के सभी कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच किए जाएंगे। इससे पहले संबंधित विभागों को स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया संपन्न करनी होगी। नई नीति में मानसिक मंदित और चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को उनकी इच्छित जगह पर तैनाती देने का प्रावधान किया गया है, ताकि उनके बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसके अलावा, प्रदेश के 100 आकांक्षी विकास खंड वाले 34 जिलों में किसी भी विभाग में पद खाली नहीं रखा जाएगा। तबादला सत्र के बाद समूह ‘क’ और ‘ख’ के कर्मचारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन से होंगे, जबकि समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कर्मचारियों के तबादले मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किए जाएंगे। समूह ‘क’ के अधिकारियों का उनके गृह जिले में तबादला नहीं किया जाएगा।
शहरों में नई पार्किंग नीति
कैबिनेट ने प्रदेश के शहरों में पार्किंग व्यवस्था को सुधारने के लिए एक नई नीति को मंजूरी दी है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किए जाएंगे। पहले चरण में यह नीति 17 नगर निगमों में शुरू की जाएगी। पार्किंग स्थलों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया जाएगा और पार्किंग का लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाएगा। पार्किंग का किराया संबंधित नगर निगम द्वारा तय किया जाएगा।
निजी सेक्टर में रोजगार के अवसर
कैबिनेट ने ‘यूपी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति’ को भी मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य आईटी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, हेल्थकेयर, ऑटोमोटिव और टेलीकॉम जैसे सेवा क्षेत्रों की वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करना है। सरकार का अनुमान है कि इस क्षेत्र में हर साल कम से कम दो लाख युवाओं को उच्च वेतन वाली नौकरियां मिलेंगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज को जीसीसी नीति के तहत सेवा क्षेत्र के गढ़ के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे विभिन्न संस्थानों से निकलने वाले 15 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा।
अडानी से बिजली खरीदेगा यूपी
प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार अडानी पावर लिमिटेड से बिजली खरीदेगी। यह बिजली लगभग 5.38 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाएगी, जिससे अनुमानित रूप से 2958 करोड़ रुपये की बचत होगी।
निजी बसों के लिए बनेंगे बस अड्डे
प्रदेश में निजी बसों के संचालन को व्यवस्थित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025’ को मंजूरी दी गई है। इसके तहत सभी 75 जिलों में निजी बसों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस अड्डे बनाए जाएंगे। इन बस अड्डों के निर्माण के लिए जिलाधिकारियों को आवेदन करना होगा और इसके लिए कम से कम दो एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- राज्य कर विभाग का दर्जा व्यवसायिक से बदलकर सेवारत विभाग किया गया।
- 1600 मेगावाट की परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी।
- सचिवालय सेवा में विशेष सचिव के आठ नए पदों का सृजन।
इन महत्वपूर्ण फैसलों से उत्तर प्रदेश में विकास, पारदर्शिता और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलने की उम्मीद है। नई स्थानांतरण नीति से कर्मचारियों को सुविधा होगी, पार्किंग नीति से शहरी यातायात सुधरेगा और निजी बस अड्डों के निर्माण से यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। वहीं, अडानी से बिजली खरीद और जीसीसी नीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेंगे।