लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में ‘अवैध कब्जा मुक्त अभियान’ तेजी पकड़ता जा रहा है। विशेष रूप से नेपाल सीमा से सटे जिलों में सरकार ने अवैध रूप से बनी मस्जिदों, मजारों, ईदगाहों और मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में 350 से अधिक ऐसे अवैध धार्मिक स्थलों को चिह्नित करके सीलिंग और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को अंजाम दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बिना मान्यता और अनुमति के संचालित हो रही ये धार्मिक संरचनाएं न केवल कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन रही थीं, बल्कि ये भूमि अतिक्रमण के गंभीर उदाहरण भी थीं। इस कड़ी कार्रवाई के दायरे में मुख्य रूप से श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, पीलीभीत, बलरामपुर और लखीमपुर खीरी जिले आए हैं।
श्रावस्ती: जिले में 10 और 11 मई को जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 104 मदरसे, 1 मस्जिद, 5 मजार और 2 ईदगाह को अवैध घोषित किया। इनमें से कई को सील कर दिया गया है, जबकि एक अवैध मदरसे को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन ने यह भी बताया कि दो निजी भूमि पर बने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को भी सील किया गया है, और भूमि प्रबंधक समिति अब आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।
बहराइच: यहां तो प्रशासन का बुलडोजर जमकर गरजा। 13 मदरसे, 8 मस्जिद, 2 मजार और 1 ईदगाह सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने पाए गए। इनमें से 5 निर्माणों को सील किया गया, जबकि 11 को जमींदोज कर दिया गया। कुल मिलाकर, नेपाल सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में 171 अवैध अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं।
सिद्धार्थनगर: इस जिले में भी अवैध निर्माणों पर सख्ती दिखाई गई। शनिवार और रविवार को 4 मस्जिद, 18 मदरसे और एक अन्य निर्माण को अवैध घोषित किया गया। इनमें से 20 को नोटिस जारी किया गया, 5 मदरसों को सील किया गया और 9 को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कानूनी व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
महाराजगंज: गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों पर यहां भी कड़ी कार्रवाई हुई। नौतनवा तहसील के ग्राम परसामालिक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने एक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे को बंद करवाकर उसकी चाबी पुलिस को सौंप दी। जिले में अब तक 29 मदरसे और 5 मजारें, जो सार्वजनिक या निजी भूमि पर अवैध रूप से बनी थीं, उन्हें ध्वस्त किया जा चुका है। इससे साफ है कि सरकार अब किसी भी अवैध संस्थान को संरक्षण नहीं देने के मूड में है।
लखीमपुर खीरी: इस जिले में सीलिंग और ध्वस्तीकरण दोनों ही प्रक्रियाएं साथ-साथ चल रही हैं। दो दिनों में 2 मस्जिद, 1 मजार, 1 ईदगाह और 8 मदरसों को अवैध घोषित किया गया। इनमें से एक को नोटिस दिया गया, जबकि 9 को सील किया गया और 3 को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जनपद में सभी चिह्नित स्थलों के खिलाफ कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत ही की जा रही है।
पीलीभीत: यहां के ग्राम भरतपुर में 0.0310 हेक्टेयर भूमि पर बनी एक मस्जिद को अवैध करार देते हुए नोटिस जारी किया गया है। संबंधित पक्ष से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है, जिसके बाद अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि योगी सरकार कानूनी ढांचे को मजबूत करते हुए कार्रवाई कर रही है।
बलरामपुर: बलरामपुर में तो निर्माणाधीन मदरसा भी नहीं बच सका। सार्वजनिक भूमि पर बन रहे एक मदरसे को रविवार को ध्वस्त कर दिया गया। यहां अब तक 30 मदरसे, 10 मजार और 1 ईदगाह को अवैध पाते हुए ध्वस्त किया गया है। इनमें 10 मदरसे, 10 मजार और 1 ईदगाह सार्वजनिक भूमि पर स्थित थे, जबकि 20 मजारें निजी भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई थीं।
योगी सरकार के इस ताबड़तोड़ ‘अवैध कब्जा मुक्त अभियान’ से सीमावर्ती क्षेत्रों में हड़कंप मचा हुआ है और प्रशासन स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।