महापरिनिर्वाण दिवस: डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि, युवा अधिवक्ताओं ने मनाया आयोजन

MD Khan
By MD Khan
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भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि "महापरिनिर्वाण दिवस" पर युवा अधिवक्ता संघ ने आयोजित की संगोष्ठी

आगरा, 6 दिसंबर 2024: युवा दिवस के मौके पर अधिवक्ता संघ आगरा मंडल और दीवानी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने 6 दिसंबर को “भारत रत्न” और संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है, के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके अद्वितीय कार्यों को सराहा गया।

डॉ. अंबेडकर का योगदान

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए युवा अधिवक्ता संघ मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा एडवोकेट ने कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जीवनभर सामाजिक समानता, दलित अधिकारों, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संघर्ष किया। उनका योगदान भारत को एक समतामूलक समाज बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।” उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर, 1956 को डॉ. अंबेडकर का महापरिनिर्वाण हुआ था, और इस दिन को हर साल पूरे देश में उनके अनुयायी उनके आदर्शों को याद करते हुए मनाते हैं।

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श्रद्धांजलि और सम्मान

इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ सदस्य और अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहे, जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चंद्रा, सुरेश गौतम, आरपी सिंह, मुकेश निम, देव कुमार गौतम, सिकंदर सेहरा, सुरेंद्र पाल सिंह, वीरेंद्र पाल सिंह, अतुल कर्दम, राजेंद्र प्रसाद, राहुल कुमार कृपाल वर्मा, देवेंद्र सिंह, ममता सोनी, रिंकू यादव, शांति स्वरूप शर्मा, मुन्ना लाल यादव, भरत सिंह, तीर्थराज, प्रवेंद्र मौर्य, देवेंद्र कुमार, और श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन शर्मा शामिल थे।

डॉ. अंबेडकर का महत्व आज भी प्रेरणादायक

संगोष्ठी में उपस्थित सभी वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के विचारों की महत्ता पर जोर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत भारतीय संविधान ने समाज में समानता और न्याय के सिद्धांतों को मजबूती से स्थापित किया है। उनका योगदान आज भी समाज में समानता, न्याय और मानवाधिकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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