आर्य समाज राजा मंडी में 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक नवरात्रि के अवसर पर वैदिक यज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। यह यज्ञ सुबह 8 से 9 बजे तक सम्पन्न हुआ, जिसमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के 200 मंत्रों से आहुति दी गई।
आज यज्ञ की पूर्ण आहुति से पहले दशहरा की आहुति भी दी गई। इस 10 दिन के समारोह में 400 से अधिक यजमानों ने अपनी पत्नियों के साथ आहुति दी। आचार्य सोमप्रकाश दीक्षित ने इस यज्ञ का संचालन किया और नवरात्रि के महत्व को वेद मंत्रों के माध्यम से स्पष्ट किया। उन्होंने रावण के प्रतीकात्मक रूप में दस विसंगतियों को भी समझाया।
यज्ञ में उपस्थित यजमानों में देव प्रकाश शर्मा, मंजू शर्मा, अशोक कुलश्रेष्ठ, विनीता कुलश्रेष्ठ, राजीव दीक्षित, नीलम दीक्षित, अंशुल दीक्षित, अभिनव दीक्षित, आनंद शर्मा, अमिता शर्मा, वीरेंद्र आर्या, अनुराधा आर्या, हर्ष आर्य, सुधीर शर्मा, सीमा शर्मा, प्रेमा वर्मा, रामनिवास भारद्वाज, अरविंद तिवारी, सुनील शर्मा, रेखा सोलंकी, दीपक दीक्षित, वीना दीक्षित, श्रद्धा दीक्षित, विजय अग्रवाल, गोपाल प्रसाद अग्रवाल, राजकुमार आहूजा, तारारानी आहूजा, अनिल कुलश्रेष्ठ, शशि कुलश्रेष्ठ, प्रशांत अग्रवाल, तृप्ति अग्रवाल, वैभव शर्मा, रजनी शर्मा, मनोज ब्रिज, किरन ब्रिज, देवेंद्र तिवारी, किरन तिवारी, राकेश शुक्ला, मिथिलेश शुक्ला, विकास तुली, अनुराधा तुली, हरविंदर अरोड़ा, मनीषा अरोड़ा, सुमन उप्रेती, अमरसिंह चौहान, पूनम चौहान, ब्रह्म दत्त शर्मा जैसे प्रमुख लोग शामिल रहे।
मंत्री राजीव दीक्षित ने आए हुए सभी यजमानों और विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इसी तरह सहयोग की अपेक्षा की। इस यज्ञ ने न केवल धार्मिक भावना को प्रोत्साहित किया, बल्कि सामुदायिक एकता का भी प्रतीक बना।