सीकर, राजस्थान: सीकर जिले की दाँतारामगढ़ पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। शादी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर पिछले एक साल से फरार चल रही शातिर लुटेरी दुल्हन काजल को पुलिस ने हरियाणा के गुड़गांव से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह भोली-भाली जनता को शिकार बनाता था और शादी के बाद दूल्हे के घर से गहने और नकदी लेकर फरार हो जाता था।
क्या था पूरा मामला?
दाँतारामगढ़ थानाधिकारी जय सिंह बसेरा ने बताया कि यह मामला 26 नवंबर 2024 को दर्ज हुआ था। पीड़ित ताराचंद जाट पुत्र मंशाराम ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उनकी पहचान जयपुर में भगत सिंह नाम के व्यक्ति से हुई थी।
ताराचंद ने भगत सिंह को अपने दो बेटों की शादी के लिए लड़की ढूंढने की बात कही। इस पर शातिर भगत सिंह ने झांसा दिया कि वह अपनी ही दो बेटियों की शादी ताराचंद के बेटों से करवा देगा। शादी की तैयारी के नाम पर भगत सिंह ने पीड़ित ताराचंद जाट से 11 लाख रुपये एडवांस में ले लिए।
होटल में हुई थी शादी, दो दिन में फरार
मामले के अनुसार, 21 मई 2024 को भगत सिंह अपनी दोनों बेटियाँ काजल और तमन्ना, पत्नी सरोज और बेटे सूरज के साथ खाचरियावास के एक निजी हॉस्पिटल के ऊपर बने गेस्ट हाउस में पहुँचा। यहीं पर ताराचंद जाट के दोनों पुत्रों भंवरलाल और शंकरलाल की शादी काजल और तमन्ना से करवा दी गई।
शादी के केवल दो दिन बाद ही, दोनों दुल्हनें अपने माता-पिता और भाई के साथ गुपचुप तरीके से फरार हो गईं। जाते समय, वे शादी के दौरान पहने गए सभी गहने और कपड़े भी साथ ले गईं।
परिवार के अधिकांश सदस्य पहले ही गिरफ्तार
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जाँच सहायक उप निरीक्षक पूरणमल को सौंपी गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, 18 दिसंबर 2024 को लुटेरी दुल्हनों के पिता भगत सिंह और उसकी पत्नी सरोज (निवासी गोवर्धन, मथुरा) को गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद, पुलिस ने दूसरी दुल्हन तमन्ना और उसके भाई सूरज को भी दबोच लिया था। हालांकि, गिरोह की मुख्य सदस्य काजल एक साल से पुलिस की गिरफ्त से बाहर थी और लगातार अपने ठिकाने बदल रही थी।
गुड़गांव के सेक्टर 17 से हुई गिरफ्तारी
फरार चल रही काजल को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया। तकनीकी सहायता और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने काजल की लोकेशन गुड़गांव के सेक्टर 17 में ट्रेस की। पुलिस टीम ने तुरंत दबिश देकर काजल (निवासी गोवर्धन, मथुरा) को हिरासत में ले लिया और दाँतारामगढ़ थाने लाकर औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया।
ठगी का मास्टरमाइंड था पिता भगत सिंह
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस पूरे ठगी के गिरोह का मास्टरमाइंड पिता भगत सिंह ही था। वह लोगों को शिकार बनाने के लिए अपनी दोनों बेटियों की बार-बार शादी या सगाई करवाता था, उनसे मोटी रकम ऐंठता था और फिर शादी के दो-तीन दिन बाद ही पूरे परिवार के साथ फरार हो जाता था।
गिरफ्तार लुटेरी दुल्हन काजल को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस इस गिरोह के अन्य ठिकानों और शिकार बने लोगों की जानकारी जुटा रही है।
