मूल्य आधारित शिक्षा पर तकनीकी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का व्यापक प्रभाव

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
भोपाल: तकनीकी विकास और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। अब शिक्षा केवल कक्षाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल माध्यमों के जरिए यह वैश्विक स्तर पर सुलभ हो गई है। इस बदलाव का स्वागत करते हुए भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के अध्यक्ष और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि तकनीकी नवाचार और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।

वे 17वीं एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड पैसिफिक (AUAP) जनरल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन “तकनीकी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का मूल्य आधारित शिक्षा पर प्रभाव: उच्च शिक्षा में एक बदलाव” विषय पर अपने विचार साझा कर रहे थे। इस अवसर पर प्रो. पाठक ने जोर देकर कहा कि नई तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ हमें मूल्य आधारित शिक्षा को भी संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों के उपयोग से न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकती है, बल्कि इसके जरिए उन्हें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी संवर्धन किया जा सकता है।

See also  Agra News: भागवत कथा में गजेंद्र मोक्ष व वामन अवतार प्रसंग का किया वर्णन

मूल्य आधारित शिक्षा और तकनीकी समावेशन

प्रो. पाठक ने बताया कि तकनीकी और डिजिटल माध्यमों के संयोजन से छात्रों को न केवल तकनीकी दक्षता हासिल होती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास भी होता है। उन्होंने कहा, “आज का शिक्षा तंत्र केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में भी कार्यरत है।”

वे मानते हैं कि डिजिटल शिक्षण उपकरणों और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल उच्च शिक्षा में बुनियादी रूप से परिवर्तन लाने के लिए जरूरी है। इसके माध्यम से विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भों से परिचित होने का अवसर मिलता है।

See also  अखिलेश यादव का बड़ा बयान: 'सीएम योगी की कुर्सी जाने वाली है, जल्द ही हटाए जाएंगे'

वैश्विक दृष्टिकोण और सामाजिक प्रभाव

कॉन्फ्रेंस में प्रो. पाठक ने यह भी उल्लेख किया कि उच्च शिक्षा में हो रहे परिवर्तनों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी एकीकरण केवल एक जरूरत नहीं बल्कि एक अनिवार्यता बन गई है। इसके माध्यम से छात्र अपनी शिक्षा को और अधिक समृद्ध और व्यापक रूप से ग्रहण कर सकते हैं।

इससे पहले, भोपाल स्थित जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री हरि मोहन गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस की इस वर्ष की थीम “उच्च शिक्षा में बदलाव का नया दृष्टिकोण: जीवन के मूल्य” पर प्रकाश डाला। यह थीम उच्च शिक्षा में मूल्यों और नवाचारों के महत्व को लेकर थी, जो वर्तमान में शिक्षा तंत्र में आवश्यक बदलावों को दर्शाती है।

See also  साकेत हॉस्पिटल के डॉक्टर और प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत

कॉन्फ्रेंस में भागीदारी

इस सम्मेलन में एशिया और पैसिफिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद, शोधकर्ता, और नीति-निर्माता भाग ले रहे हैं। इस आयोजन ने वैश्विक दृष्टिकोण से शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों और उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श का एक मंच प्रदान किया है।

See also  अछनेरा सीएचसी पर मिलेंगी रियायती दर पर दवाएं, विधायक ने जन औषधि केंद्र का किया शुभारंभ
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment