आगरा : आगरा स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम में रविवार को विश्व आद्रभूमि दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण और पक्षी संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बर्ड वाचिंग, फोटो प्रदर्शनी, चित्र कला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में निगम के प्रबंध निदेशक सुजॉय बनर्जी, डीएफओ आदर्श कुमार, डीएफओ चांदनी सिंह, रेंज ऑफिसर अंकित यादव, पारिजात संस्था की अध्यक्ष डॉ. अनुराधा चौहान, उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति सिंह, सचिव डॉ. धीरज मोहन सिंघल, बायोडर्वसिटी संस्था से डॉ. के. पी. सिंह, वाइल्ड लाइफ एस ओ इस से बैजू राज, प्रोफेसर संत प्रकाश, और तरुण नायर सहित कई पर्यावरण प्रेमी और विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत बर्ड वाचिंग से हुई, जिसमें पर्यावरण प्रेमियों और विद्यार्थियों ने सूर सरोवर के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव किया और वहां पाए जाने वाले विभिन्न पक्षियों को देखा। इसके बाद, फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें आद्रभूमि और पक्षियों के संरक्षण से संबंधित तस्वीरें प्रदर्शित की गई। चित्र कला प्रतियोगिता में बच्चों और युवाओं ने आद्रभूमि और पक्षियों के संरक्षण पर अपने विचारों को रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में पर्यावरण और पक्षी संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण सवालों का उत्तर देकर प्रतिभागियों ने अपनी जानकारी का प्रदर्शन किया। यह प्रतियोगिता न केवल मनोरंजन का साधन बनी, बल्कि लोगों को पर्यावरण के महत्व और संरक्षण के प्रति प्रेरित भी किया।
मुख्य अतिथि सुजॉय बनर्जी और डीएफओ आदर्श कुमार ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आद्रभूमियों का संरक्षण हमारे पर्यावरण और जीव-जंतुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस प्राकृतिक धरोहर को बचाने के लिए मिलकर प्रयास करें।
डॉ. अनुराधा चौहान ने पारिजात संस्था की ओर से किए गए पर्यावरण संरक्षण कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।
इस आयोजन ने सभी को पर्यावरण और पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया और यह संदेश दिया कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम में मनाया गया यह विश्व आद्रभूमि दिवस सचमुच एक प्रेरणादायक और यादगार अवसर साबित हुआ।