मथुरा। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय धाम, फरह स्थित मधुकर सभागार में पंडित जी के जन्मोत्सव मेले के तहत विश्व पर्यावरण पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में देश के प्रमुख पर्यावरणविदों ने अपने विचार साझा किए।
केएनआईटी सुल्तानपुर के निदेशक प्रोफेसर राजीव उपाध्याय ने कहा, “जब तक हम अपने आंतरिक प्रदूषण को दूर नहीं करते, तब तक हम बाहरी प्रदूषण से लड़ने में सक्षम नहीं होंगे।” उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, ओमान-इंडिया के ट्रेड कमिश्नर प्रोफेसर के एस राणा ने वैश्विक पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति के लिए प्राकृतिक स्थलों पर भीड़ और अनावश्यक दोहन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राजस्थान में बाढ़ की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कभी पानी के लिए तरसना पड़ता था।
कार्यक्रम के प्रेरणाश्रोत रणवीर जी ने बच्चों को प्रकृति की सुंदरता से अवगत कराते हुए कहा, “हमें इस प्रकृति की रक्षा करनी है और इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।”
अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद गिरी जी ने पांच तत्वों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि ये तत्व दूषित होंगे, तो जीवन संभव नहीं है। उन्होंने नदियों और पहाड़ों को जीवन की संरचना के रूप में बताया।
जलाधिकार फाउंडेशन के महासचिव सीए कैलाश गोदुका ने जल संरक्षण के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि उनके द्वारा बनाए गए तालाबों से जल स्तर में सुधार हुआ है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिवाकर तिवारी ने किया। मेला समिति के अध्यक्ष श्री सोनलाल, मंत्री मनीष अग्रवाल और कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार पाठक ने अतिथियों का स्वागत पटका पहनाकर एवं भगवान राम के चित्र बने मोमेंटो देकर किया।
कार्यक्रम में जलाधिकार फाउंडेशन, रिवर कनेक्ट, इंडिया राइजिंग, पारिजात फाउंडेशन, हरिहर फाउंडेशन और अन्य प्रमुख संस्थाओं को अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया, जिसमें अन्नू दुबे, अमित लवानिया, डा हरेंद्र गुप्ता सहित अनेक अन्य शामिल थे।