बागपत : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। कारण है बागपत जिले के कोताना गांव में स्थित उनकी पैतृक संपत्ति की नीलामी। 5 सितंबर से शुरू होने वाली इस नीलामी में लगभग दो हेक्टेयर भूमि नीलाम की जाएगी, जिसे शत्रु संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद उन लोगों के नाम पर रह गई थी जो पाकिस्तान चले गए थे। मुशर्रफ के पूर्वज, नुरू, 1965 में पाकिस्तान चले गए थे और उनकी यह भूमि शत्रु संपत्ति बन गई थी।
कोताना गांव के ग्रामीणों ने बताया कि मुशर्रफ के दादा-दादी इसी गांव के रहने वाले थे। हालांकि, देश के विभाजन के बाद मुशर्रफ परिवार पाकिस्तान चला गया। मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था और वे कभी कोताना नहीं आए।
इस नीलामी को लेकर गांव में उत्सुकता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस भूमि की नीलामी से गांव के विकास में मदद मिल सकती है। हालांकि, कुछ लोग इस पर आपत्ति भी जता रहे हैं।
सरकार शत्रु संपत्ति में केबल बागपत जनपद की संपत्ति की नीलामी कर रही है क्या? पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पूर्वजों के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी तो शत्रु संपत्ति का हिसाब किताब सरकार के जिम्मे होगा उस पर आपके खबरनवीश ने कोई समाचार नहीं दिया।