हाथरस जिले के थाना कोतवाली हसायन क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एटा जिले की एक युवती ने कोतवाली प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों पर छेड़खानी और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीजेएम न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है और न्याय की गुहार लगाई है।
आरोपों का सिलसिला
पीड़िता के मुताबिक, 28 दिसंबर को पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे और उसके पिता तथा भाई के बारे में पूछताछ के बहाने उसे थाने ले गए। युवती का कहना है कि थाने में कोतवाली प्रभारी ने उसके परिजनों पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव डाला और फिर उसे कंप्यूटर रूम में ले जाकर आपत्तिजनक व्यवहार किया। विरोध करने पर पुलिसकर्मियों ने उसकी मारपीट भी की।
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि 31 दिसंबर को महिला कांस्टेबल और दो अन्य पुलिसकर्मी उसे फिर से थाने ले गए, जहां उसे एक कमरे में बंद कर छेड़खानी की गई। युवती ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए थाने के सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया है, जिसमें 28 दिसंबर से 1 जनवरी तक उसकी थाने में मौजूदगी दर्ज होने का दावा किया गया है।
पुलिसकर्मियों का पक्ष
वहीं, हसायन थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने इन आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है। उनका कहना है कि युवती के परिजनों के खिलाफ पहले से एक मुकदमा दर्ज है और अब युवती अपने परिजनों को बचाने के लिए यह आरोप लगा रही है। उनका यह भी कहना है कि मामला किसी प्रकार का दबाव बनाने का हो सकता है और आरोप निराधार हैं।
न्याय की गुहार
युवती ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देते हुए आरोपों की गंभीरता को सामने रखा है। उसने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। इस मामले की जांच अब उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही है और आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
समाज में चर्चा का विषय
यह मामला हाथरस जिले में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि पुलिसकर्मियों द्वारा एक महिला के साथ इस प्रकार की घटना सामने आना किसी भी समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। कई लोगों ने इसे महिला सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय बताया है, वहीं कुछ का कहना है कि यह एक साजिश भी हो सकती है, जो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।