नई दिल्ली । 40 वर्षीय एक बिजनेसमैन ने खाने-पीने की कुछ चीजें ऑनलाइन मंगाई। उन्होंने 400 रु के दो भुजिया पैकेट्स भी मंगाए थे, लेकिन वह उन्हें नहीं मिले। इसकी पूछताछ के लिए उन्होंने इंटरनेट पर सर्च करके कस्टमर केयर नंबर लिया और फिर उन्हें 2.25 लाख रु का चूना लग गया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
यह घटना मुंबई के बोरिवली की है। 22 अप्रैल को बिजनेसमैन ने एक ऑनलाइन ग्रोसरी स्टोर से कुछ सामान ऑर्डर किया। उन्हें सभी सामान मिल गए, लेकिन भुजिया के दो पैकेट नहीं मिले। इसकी कीमत 400 रुपए थी। 1 मई को उन्होंने गूगल पर ग्रोसरी वेबसाइट का नंबर सर्च किया। लेकिन उन्हें यहां एक फेक हेल्पलाइन नंबर मिल गया, जिसे साइबर ठगों ने उस वेबसाइट का कस्टमर केयर नंबर बताते हुए अपलोड किया था।
ठगों ने उनसे अकाउंट नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और एटीएम कार्ड का सीवीवी नंबर पूछ लिया। ठगों ने इसके बाद उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा और इसे दूसरे नंबर पर फॉरवर्ड करने को कहा। इसके बाद उसने यूपीआई पिन और मोबाइल पर आया ओटीपी भी पूछा और बिजनेसमैन ने बता भी दिया। दो घंटे के भीतर ही चार बार में उनके अकाउंट से 2.25 लाख रुपए निकाल लिए गए। तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
क्या है मामला
साइबर क्राइम जांचकर्ता रितेश भाटिया का कहना है कि ठगों ने पीड़ित को बैंक खाता नंबर, सीवीवी, यूपीआई पिन और ओटीपी बताने के लिए सहमत किया गया। उसने अपने मोबाइल पर यूपीआई अकाउंट सफलतापूर्वक सेटअप कर लिया और उसके पास कार्ड का भी ब्योरा था, इस तरह उसने आसानी से पैसे निकाल लिए। अभी भी लोग ओटीपी और सीवीवी नंबर बता देते हैं। साइबर पुलिस के डीआईजी हरीश बैजल ने कहा कि इस तरह के मामलों में तेजी आई है और ठग लॉकडाउन में लोगों को ठगने के लिए नए तरीके आजमा रहे हैं। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। हम लोगों के लिए अडवाइजरी जारी करते रहते हैं और ट्विटर हैंडल के जरिए लोगों को जागरूक करते हैं।