सुबह सवेरे पैदल चलें – अद्वितीय उपहार प्राप्त करें

Honey Chahar
4 Min Read

सुबह की पहली किरनों के साथ, जब सूरज अपना पहला प्रकाश बिखेरता है, तो कुछ खास अनुभव होते हैं। सुग्रीव जैसा धावक, जो लड़ाई में इतनी तेज़ गति से भागा कि रावण को परास्त करने वाला किष्किन्धा नरेश वाली भी उसे पकड़ नहीं सका, वो किसी और से नहीं मिलता। यही उनके पैदल चलने के दौर की मजाल है।

ऑलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली धावक पीटी उषा का नाम तो सबको पता ही है। इसी तरह कुछ लोग अपने दैनिक जीवन में पैदल चलने के सादगी में ही खुश रहते हैं।

रसोई में ही कई किलोमीटर चलना, किसी के लिए बड़ी बात हो सकती है, किंतु प्राण वायु वो लोग ही जानते हैं जो सुबह-सुबह पैदल चलते हैं।

प्रातःकाल की सैर, जो हमें अपने स्वास्थ्य का अनमोल उपहार देती है, अगर हम उसे सही तरीके से महसूस कर सकते हैं।

See also  बिना स्वतंत्र और मजबूत मीडिया के लोकतंत्र पंगु बना रहेगा

आदित्य देवता और प्रकृति, सभी के लिए समान रूप से प्रकाश और ऊर्जा बिखेरते हैं। लेकिन जो लोग सूर्योदय के पहले ही अपने बिस्तर से उठकर सैर करने जाते हैं, वे ही उन अनमोल लाभों का आनंद उठा सकते हैं।

सबकुछ कहने के बावजूद, इसके पीछे एक और अहम असर भी होता है – खुद को समय देने का और स्वास्थ्य को महत्व देने का।

सूर्योदय के पहले ही सैर करने वाले लोग अपने शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं, जो उन्हें दिनभर ताजगी देता है।

सागर किनारे, नदी तट, या हरितिमा के सफरों में पैदल चलने वालों की तंत्रिका व्यवस्था में सुधार होता है और वे आपके शरीर को तय किए गए लक्ष्य की ओर ले जाते हैं।

इन लोगों के लिए समय का सही तरीके से प्रबंधन और समय का सदुपयोग भी आ जाता है, और इससे उनका आत्मज्ञान भी बढ़ता है।

See also  दिवाली 2022: धनतेरस से भाई दूज तक 5 दिवसीय उत्सव के लिए तिथि, पूजा का समय

सड़कों पर पैदल चलने वाले, अभ्यास के लिए योग्य रास्ते भी बनाते हैं। जो लोग हरियाली के साथ सैर करते हैं, वे स्वयं के लिए नए अनुभव प्राप्त करते हैं और युवाओं को सफलता की ओर प्रेरित करते हैं।

महानगरों में, पार्कों में वरिष्ठ नागरिक धायकों को हँसते-हँसाते देखना कितना अच्छा होता है!

कर्नल गिरजेश वर्मा और डॉक्टर संजय सक्सेना का मानना है कि प्रतिदिन 6,000 कदम पैदल चलने का अभ्यास सभी के लिए बेहद फायदेमंद है।

गुजरात के एस.एन. कृषि विश्वविद्यालय और मैनिट भोपाल में छात्रों ने वाहनों की तरह बाइक नहीं, साइकिल का उपयोग करने का निर्देश दिया है।

महात्मा गांधी ने भी प्रतिदिन छ: किलोमीटर पैदल चलने की प्रथा को अपनाई थी, जो उनके आत्मसमर्पण को बढ़ा दिया था।

सैर करने के साथ-साथ हम नई कविताएं, कहानियां, और शिल्पकारी कार्य भी देख सकते हैं, जो हमें हमारे पर्यावरण के सौंदर्य को दिखाते हैं।

See also  गर्मी में सेहत का साथी बेल: 5 लाजवाब रेसिपीज से करें खुद को कूल और हेल्दी!

हर सुबह की सैर ने जीवन को अद्वितीय रूप से रंगीन बनाया है, जैसे कि होंठों से फूलों की बरसात हो रही हो।

इसलिए, यह बिल्कुल सही है कि रोज़ सुबह पैदल चलने के लाभ के बारे में सुनना है। आप इसे अपने आप अनुभव कर सकते हैं, या किसी और से जान सकते हैं, जिसने यह आनंद स्वयं महसूस किया है।

इसे कुछ ही दिनों के लिए आजमाने का प्रयास करें, और आपको मालूम पड़ेगा कि सुबह-सुबह की सैर के फायदे असली हैं।

See also  बिना स्वतंत्र और मजबूत मीडिया के लोकतंत्र पंगु बना रहेगा
TAGGED:
Share This Article
2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement