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आगरा: अछनेरा में सफाई कर्मचारियों के आक्रोश के बीच कस्बे की गलियों में कूड़े का अंबार

Jagannath Prasad
3 Min Read
अछनेरा कस्बा की गलियों में जगह जगह लगा कूड़े का अंबार

दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर डटे

महिला सभासद की तबीयत बिगड़ी, पुलिस ने नहीं कराया मेडिकल

सुबह 8:15 बजे कस्बा के मुख्य रस्ते पर बिखरा पड़ा कूड़ा

किरावली (अछनेरा)। थाना अछनेरा क्षेत्र में वाल्मीकि समाज की महिला सभासद के साथ पुलिस द्वारा की गई कथित मारपीट के विरोध में सफाई कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। सफाई कार्य ठप होने से कस्बे की गलियों में कूड़े के ढेर लग गए हैं, जिससे आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लगातार दूसरे दिन सुबह 8 बजे धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अछनेरा कस्बे के वार्ड नंबर 7 की महिला सभासद रानी किसी शिकायत को लेकर गुरुवार को अछनेरा थाने पहुंचीं थीं, जहां एक महिला उप निरीक्षक ने कथित रूप से उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद जब उनके परिजन थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उनके साथ भी अभद्रता करते हुए लाठी-डंडों से पिटाई कर दी।घटना के विरोध में शुक्रवार सुबह से ही सफाई कर्मचारी नगर पालिका परिसर में एकत्र होकर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि एक महिला जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस की इस तरह की बर्बरता न केवल निंदनीय है, बल्कि लोकतंत्र की भी अवहेलना है।सफाई कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक सफाई कार्य पूरी तरह ठप रहेगा। यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो तहसील स्तर के अन्य सफाई कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे।

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शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक चौधरी बाबूलाल ने मौके पर पहुंचकर आगरा पुलिस कमिश्नर से वार्ता की, जिसके बाद कमिश्नर ने अछनेरा एसीपी को मौके पर भेजा। पीड़ित सभासद ने थाना प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों के नाम दर्ज कर तहरीर लिखित रूप में एसीपी को दिए हैं। एसीपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन सफाई कर्मचारी कार्रवाई होने तक धरना खत्म करने को तैयार नहीं हैं।इस बीच, पीड़ित सभासद की हालत बिगड़ने के बावजूद पुलिस द्वारा उनका मेडिकल परीक्षण तक न कराया जाना प्रशासनिक संवेदनहीनता को दर्शाता है, जिससे लोगों में आक्रोश और बढ़ गया है।पूरे मामले पर प्रशासन और पुलिस की चुप्पी भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

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