केदारनाथ, उत्तराखंड: उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम में शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। एम्स ऋषिकेश की एक हेली एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी आ गई, जिससे हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा टूट गया। गनीमत रही कि पायलट की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से हेलीकॉप्टर में सवार दोनों डॉक्टर पूरी तरह सुरक्षित बच गए।
लैंडिंग के दौरान हुई घटना
यह घटना उस समय हुई जब हेलीकॉप्टर दो डॉक्टरों को लेकर केदारनाथ हेलीपैड पर उतर रहा था। लैंडिंग प्रक्रिया के दौरान ही हेलीकॉप्टर के पिछले हिस्से में अचानक खराबी आई और वह टूट गया। इस अप्रत्याशित घटना से हेलीपैड पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर एम्स ऋषिकेश का था और इसमें कुल तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम थी। ये चिकित्सक केदारनाथ धाम से एक मरीज को एम्स ऋषिकेश ले जाने के लिए आए थे।
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस घटना के बाद हेलीकॉप्टर का निरीक्षण किया गया, जिसमें क्षतिग्रस्त पिछला हिस्सा पाया गया। राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। हालांकि, इस प्रकार की घटनाओं ने एक बार फिर केदारनाथ में संचालित हेली सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीते कुछ समय में केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाओं से जुड़ी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हाल ही में एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी, और उससे पहले एक अन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की दुखद मृत्यु हो गई थी।
प्रशासन से सुरक्षा उपायों की अपेक्षा
हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं, और उनमें से बड़ी संख्या में लोग आवागमन के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में, इन सेवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस ताजा घटना के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अधिकारी इन बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं के मूल कारणों का पता लगाने और प्रभावी समाधान लागू करने के लिए क्या कदम उठाते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ठोस और विश्वसनीय उपाय अपनाए जाने की तत्काल आवश्यकता है।