बजट 2025 में हो सकता है होम लोन पर नई टैक्‍स छूट का ऐलान; जानिए टैक्‍स व्‍यवस्‍था में संभावित बदलाव

Dharmender Singh Malik
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बजट 2025 में हो सकता है होम लोन पर नई टैक्‍स छूट का ऐलान; जानिए टैक्‍स व्‍यवस्‍था में संभावित बदलाव

बजट 2025 पेश होने में अब कुछ ही समय बाकी है और इसको लेकर आम लोगों, निवेशकों और विशेषज्ञों के बीच अटकलें तेज हो गई हैं। हर साल की तरह इस बार भी इस बजट से उम्मीदें बहुत अधिक हैं, खासकर टैक्‍स छूट और राहत के मामलों में। इस साल विशेष रूप से चर्चा हो रही है कि सरकार नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में होम लोन से जुड़ी कुछ रियायतें दे सकती है।

आम आदमी और घर मालिकों के लिए यह बदलाव बहुत मायने रखता है, क्योंकि होम लोन पर मिलने वाली छूट से वे अपनी टैक्स की देनदारी को कम कर सकते हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है, जिससे नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में होम लोन पर कुछ राहत मिले।

पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था और होम लोन कटौती

अगर हम पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था की बात करें, तो यहां होम लोन पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। जो लोग पुरानी व्यवस्था को चुनते हैं, वे होम लोन पर 2 लाख रुपये तक की ब्‍याज कटौती का लाभ ले सकते हैं। इस व्यवस्था के तहत, करदाता अपनी काबिज संपत्तियों के लिए ब्‍याज पर टैक्‍स में कटौती का दावा कर सकते हैं।

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लेकिन, नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में यह लाभ उपलब्ध नहीं है, जो उन करदाताओं के लिए एक बड़ी समस्या हो सकती है जो होम लोन के भुगतान में मुश्किलें झेल रहे हैं। हालांकि, नई व्यवस्था के तहत किराये पर दी गई संपत्तियों से जुड़े कुछ रियायतें हैं।

नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था और होम लोन

नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में टैक्‍सपेयर्स के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं, लेकिन होम लोन के लिए कोई विशेष राहत नहीं दी गई है। आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत किराये पर दी गई संपत्तियों पर होम लोन के ब्याज पर कोई सीमा नहीं है। लेकिन जब ब्याज किराये की आय से अधिक होता है, तो यह संपत्ति के मालिक को वित्तीय नुकसान पहुंचाता है। यही नहीं, इस नुकसान को नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में अन्य आय से समायोजित नहीं किया जा सकता है।

ICAI द्वारा किए गए सुझाव

इसी संदर्भ में, भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) ने सरकार से तीन महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं:

  1. होम लोन ब्याज पर कटौती: ICAI ने यह सुझाव दिया है कि नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर कटौती की अनुमति दी जानी चाहिए।
  2. संपत्ति से होने वाले नुकसान का समायोजन: ICAI ने यह भी कहा है कि घर की संपत्ति से होने वाले नुकसान को अन्य स्रोतों से होने वाली आय से समायोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
  3. आवश्यक समायोजन के लिए समय सीमा: यदि किसी व्यक्ति के पास अन्य आय का स्रोत नहीं है, तो ICAI का प्रस्ताव है कि वह इस नुकसान को आगामी 8 टैक्‍स निर्धारण वर्षों में समायोजित कर सके।
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पुरानी व नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में फर्क

हालांकि, पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था में कोई नई छूट की घोषणा नहीं की गई है, फिर भी घर के मालिकों की मांग है कि टैक्‍स में राहत देने के लिए कुछ सुधार किए जाएं। विशेषकर शहरी भारत में घर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के कारण घर का मालिकाना हक अब और भी महंगा हो चुका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था में धारा 80सी और 24बी के तहत जो टैक्‍स कटौती प्रदान की जाती है, वह अपर्याप्त है। ऐसे में, घर के मालिकों को और अधिक राहत देने के लिए कुछ सुधार की जरूरत है।

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बजट 2025 में हो सकता है बड़ा ऐलान

आशा की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 में इन सुधारों पर विचार करेंगी और होम लोन से संबंधित नई राहतों का ऐलान कर सकती हैं। इससे न सिर्फ घर मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि यह नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में कुछ सुधार का मार्ग भी खोलेगा।

बजट 2025 में होम लोन के संदर्भ में सुधार का ऐलान करना एक बहुत महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो न सिर्फ आम नागरिकों के लिए बल्कि संपत्ति मालिकों के लिए भी राहत लेकर आएगा। यह कदम न केवल शहरी क्षेत्रों में घर के मालिकाना हक को किफायती बनाएगा, बल्कि नए घर खरीदने की प्रक्रिया को भी अधिक सुलभ बना सकता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में किस तरह के सुधारों का ऐलान करती हैं।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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