मरम्मत जारी है, फिर कब बंद होगा, मालूम नहीं, सिस्टम की खामियाँ: डॉ अंबेडकर पुल बना भ्रष्टाचार और गिरती व्यवस्था की पहचान

Rajesh kumar
4 Min Read
मरम्मत जारी है, फिर कब बंद होगा, मालूम नहीं, सिस्टम की खामियाँ: डॉ अंबेडकर पुल बना भ्रष्टाचार और गिरती व्यवस्था की पहचान

बृज खंडेलवाल 

आगरा में यमुना नदी पर बना अंबेडकर पुल कभी एक शानदार स्मारक और शहर की ट्रैफिक समस्याओं का हल माना जाता था। लेकिन आज यह पुल बुरी हालत में खड़ा है — भ्रष्टाचार, लापरवाही और सरकारी नाकामयाबी का सबूत।
लगभग 15 साल पहले बना यह पुल अब ध्वस्त हो चुका है, मरम्मत जारी है।

यह सिर्फ एक सड़क सेतु नहीं, बल्कि हर रोज लोगों को याद दिलाने वाला दर्द है कि हमारे देश में सरकारी योजनाएँ कितनी लापरवाही और भ्रष्टाचार के साथ चलती हैं — शुरुआत धूमधाम से होती है, और अंत मजाक बनकर रह जाता है।
मई 2025 में आई एक साधारण आँधी के बाद पुल की रेलिंगें टूटकर गिर गईं — एक पुल के ऊपर, दूसरी सीधी यमुना नदी में। यह पहली बार नहीं हुआ। 2020 में भी यह पुल कई बार खराब हालत के कारण बंद किया गया था। अब लोग इसे मजाक में “हमेशा मरम्मत वाला पुल” कहने लगे हैं।

See also  होटल में चल रहा था सेक्स रैकेट, 12 जोड़े गंदा काम करते पकड़े गए

सरकारी जवाब? बस बैरिकेड लगा दिए जाते हैं, थोड़ी मरम्मत होती है, और फिर सब चुप। लगता है जैसे नीति बन गई हो — “घाव पर पट्टी लगाओ और भगवान भरोसे छोड़ दो।” लेकिन ये गहरी दरारें न तो सीमेंट से भरेंगी और न ही बहानों से।
इस बुरी हालत के पीछे वही पुरानी कहानी है — खराब निर्माण सामग्री, कोई जवाबदेही नहीं, और ठेकेदारों की कतार जो सरकारी पैसे तो खा जाते हैं, लेकिन जनता को खतरे में डाल देते हैं। जिस शहर में ताजमहल अपनी खूबसूरती और मजबूती से पूरी दुनिया को आकर्षित करता है, वहीं कुछ किलोमीटर दूर अंबेडकर पुल अपनी बदहाली से आगरा को शर्मिंदा करता है।

See also  नगर की अब सफाई होगी बेहतर, तीन नए ई रिक्शा और एक ट्रैक्टर बेड़े में शामिल

विडंबना देखिए — समानता और न्याय के प्रतीक के नाम पर बना यह पुल अब असमानता, असुरक्षा और अन्याय का प्रतीक बन गया है।

पुल के निर्माण और देखभाल में भ्रष्टाचार की बातें अब फुसफुसाहट से निकलकर खुलकर सामने आ चुकी हैं। भले ही ठोस सबूत न हों, लेकिन पुल की हालत ही सब कुछ बयाँ कर देती है। यह बूढ़ा नहीं हुआ, उसके पार्ट्स बिखर गए— और उसके साथ गिरा लोगों का भरोसा।

यह सिर्फ पुल नहीं, यह एक धोखा है।

काफी लोगों का मानना है कि इस सेतु के ओरिजिनल डिजाइन में राजनैतिक और आर्थिक स्वार्थ या दबाव के चलते छेड़ छाड़ की गई। गलत कोण पर पुल को मोड़ा गया। सेतु निगम अधिकारी टेक्निकल फॉल्ट्स की लीपा पोती करते रहे हैं। हर कुछ महीने मरम्मत करनी पड़ती है। एत्माद्दौला जाने वाले टूरिस्ट्स बार बार दिक्कत में फंसते हैं। अब तो गाइड ले जाने से भी कतराने लगे हैं।

See also  आगरा: स्वास्तिक ने किया नेशनल पेनमैन चैंपियनशिप 2024 का पोस्टर जारी

जब आम लोग हर दिन रास्ता बदलते हैं, मलबे से बचते हैं और जान जोखिम में डालते हैं, तो साफ है — यह सिर्फ आगरा की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए शर्म की बात है। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, जब तक ढाँचा जनता की सेवा के लिए नहीं, बल्कि लूट के लिए बनेगा, तब तक अंबेडकर पुल ऐसे ही जंग खाता रहेगा — भारत में गिरती व्यवस्था और भ्रष्टाचार का एक जीता-जागता सबूत।

 

 

See also  आंखों नम, चेहरे पर अपनापन कुछ ऐसी थी एबीवीपी की राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा की विदाई
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement