आगरा: थाना अछनेरा में बदला निजाम, लेकिन अवैध खनन पर नहीं लग पा रहा अंकुश, खनन माफियाओं में अब भी नहीं दिख रहा खौफ,डंके की चोट पर चल रहा अवैध खनन

Jagannath Prasad
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बुधवार रात्रि को रेलवे कार्य की आड़ में विपरीत दिशा में जाते मिट्टी से भरे डंफर

रेलवे कार्य और घरेलू कार्यों के नाम पर चल रहा मिट्टी का अवैध दोहन

Agra news:किरावली। अवैध खनन समेत अन्य अपराधों को लेकर विगत में सुर्खियों में रहा थाना अछनेरा एक बार फिर चर्चा में है। पूर्व थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीसीपी पश्चिम की रिपोर्ट के आधार पर लाइन हाजिर किया गया था। उनके स्थान पर देवेंद्र कुमार द्विवेदी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वे थाने की खोई साख को बहाल करें। लेकिन हालात अब भी जस के तस बने हुए हैं।

जिलाधिकारी द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अधीनस्थ अधिकारी और स्थानीय पुलिस उनके प्रयासों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। थाना अछनेरा, जो पहले भी अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है, अब खनन माफियाओं के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। कथित संरक्षण के बलबूते ये माफिया खुलेआम धरती का सीना छलनी कर रहे हैं, जबकि उप जिलाधिकारी से लेकर खनन अधिकारी तक जिलाधिकारी के निर्देशों को नजरअंदाज कर रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात्रि थाना क्षेत्र के बबरौद, कचौरा, रायभा, मुबारिजपुर बिजलीघर आदि स्थानों पर रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों से खेतों की मिट्टी खोदकर डंफर और ट्रैक्टरों से ढोई जा रही थी। अछनेरा कस्बे में अंबेडकर पार्क के सामने गुजरते खनन वाहनों से सड़कों पर फैली मिट्टी इसके प्रमाण हैं, जिससे दुकानदारों व राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है।

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रात करीब नौ बजे बबरौद में मुख्य मार्ग के बराबर से एक पोखर के किनारे लगातार डंफर खाली होते देखे गए। रायभा क्षेत्र में रेलवे कार्य के नाम पर डंफर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। सिद्धिविनायक प्रशिक्षण केंद्र के पास हजारों घन मीटर मिट्टी का अवैध खनन हो चुका है, लेकिन खनन अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचेते हैं,इसके जिम्मेदार पुलिस की मिलीभगत की तस्वीर तब साफ होती है जब थाना परिसर के पास से होकर गुजरते इन अवैध खनन से भरे वाहनों को कथित सुविधा शुल्क के लालच में रोकने की जहमत तक नहीं उठाई जाती। सूत्रों के अनुसार, प्रभावशाली माफिया रेलवे की परमिशन की आड़ में भी अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं।अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इन माफियाओं को संरक्षण कौन दे रहा है, जिससे पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही है? क्या थाना स्तर पर कुछ निजी स्वार्थ इस अवैध कारोबार को खुली छूट देने का कारण बन रहे हैं?इस संबंध में क्षेत्रीय सहायक पुलिस आयुक्त गौरव सिंह ने बताया कि “क्षेत्र में रेलवे कार्य संचालित हैं, जिनके लिए डंफर चल रहे हैं। लेकिन मौके की सूचना के आधार पर जांच कराई जा रही है। यदि संलिप्तता पाई गई तो संबंधित वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”

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