सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक बड़ा हादसा टल गया, जब भारतीय सेना के एक अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के चलते आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना थाना चिलकाना क्षेत्र के यमुना तटवर्ती गांव जोधेबांस में हुई, जहां हेलीकॉप्टर ने सुरक्षित लैंडिंग की।
रूटीन उड़ान के दौरान आई तकनीकी खराबी
जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सरसावा एयरबेस से अपनी रूटीन अभ्यास उड़ान भरी थी। उड़ान के दौरान अचानक तकनीकी गड़बड़ी आने पर हेलीकॉप्टर में सवार दोनों पायलटों ने असाधारण सूझबूझ और व्यावसायिक कौशल का परिचय देते हुए खेतों में नियंत्रित लैंडिंग की। गनीमत रही कि इस घटना में किसी भी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और दोनों पायलट पूरी तरह सुरक्षित हैं।
ग्रामीणों का जमावड़ा और सुरक्षा उपाय
हेलीकॉप्टर के खेतों में उतरते ही स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए। हालांकि, सेना और पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए सुरक्षा कारणों से भीड़ को नियंत्रित किया। कुछ ग्रामीणों ने इस दौरान वीडियो और तस्वीरें लेने की कोशिश की, जिन्हें बाद में पुलिस ने हटा दिया।
अधिकारी मौके पर, हेलीकॉप्टर की जांच और मरम्मत
घटना की सूचना मिलते ही एसपी देहात सागर जैन सहित सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। सेना की तकनीकी टीम ने बिना किसी देरी के हेलीकॉप्टर की गहन जांच शुरू की और तकनीकी समस्या की पहचान कर उसे दुरुस्त किया।
अपाचे हेलीकॉप्टर: भारतीय वायुसेना का प्रमुख लड़ाकू विमान
करीब 16 फीट ऊंचा और 18 फीट चौड़ा यह अपाचे हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। यह दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है और इसे भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है। इसे दो पायलटों की मदद से ऑपरेट किया जाता है। घटना के बाद, सेना ने लैंडिंग स्थल पर अस्थायी घेराबंदी कर हेलीकॉप्टर की सुरक्षा सुनिश्चित की और कड़ी निगरानी रखी गई।
सुरक्षित वापसी और क्षेत्र में चर्चा
हेलीकॉप्टर की जांच और मरम्मत पूरी होने के बाद उसे सुरक्षित तरीके से वापस सरसावा एयरबेस ले जाया गया। इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में काफी चर्चा बनी रही। ग्रामीणों ने पहली बार इतने करीब से एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर देखा। सेना और स्थानीय प्रशासन की तत्परता और त्वरित कार्रवाई के कारण क्षेत्र में किसी भी तरह की अफरा-तफरी नहीं फैली और पूरा ऑपरेशन शांति एवं सुरक्षा के साथ संपन्न हुआ। इस घटना ने एक बार फिर भारतीय पायलटों के उच्च प्रशिक्षण और व्यावसायिकता को रेखांकित किया, जिनकी सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।