आगरा, उत्तर प्रदेश: अपराधों पर नकेल कसने और कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में आगरा पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब अपराधियों की हर जानकारी उंगलियों पर होगी, क्योंकि आगरा पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल ‘क्राइम GPT’ का सक्रिय उपयोग शुरू कर दिया है। यह अत्याधुनिक तकनीक खाकी को अपराध की तह तक पहुंचने में मदद कर रही है, जिससे अपराधी अब बच नहीं पाएंगे।
AI टूल से त्वरित जानकारी और सटीक कार्रवाई
‘क्राइम GPT’ एक ऐसा AI टूल है जिसके जरिए पुलिसकर्मी किसी भी अपराधी की पूरी प्रोफाइल, उस पर दर्ज मुकदमे, पुलिस द्वारा जब्त किए गए सामान का विवरण, संबंधित सीसीटीवी फुटेज, और अपराधी की वर्तमान स्थिति (जैसे जेल में है या जमानत पर) जैसी महत्वपूर्ण जानकारी चंद सेकेंड में अपने मोबाइल स्क्रीन पर देख सकते हैं। इससे पुलिस की कार्रवाई में अभूतपूर्व तेजी और सटीकता आई है।
2024 में हुआ शामिल, अब सक्रिय उपयोग
यह AI सिस्टम पुलिस विभाग में वर्ष 2024 में ही शामिल किया गया था। इसे राज्य स्तरीय पुलिस सर्वर से जोड़ा गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से अपराधियों का विस्तृत डेटा फीड किया गया है। आगरा कमिश्नरेट में इस डेटा फीडिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और अब पुलिस इसका नियमित और सक्रिय उपयोग कर रही है।
कागजी कार्यवाही से मुक्ति, कार्रवाई में तेजी
‘क्राइम GPT’ के उपयोग से पुलिस की कागजी कार्यवाही में काफी कमी आई है। पहले जहां किसी अपराधी की जानकारी जुटाने के लिए पुलिसकर्मियों को ढेर सारी फाइलें खंगालनी पड़ती थीं, वहीं अब सिर्फ अपराधी का नाम या फोटो डालते ही उसका पूरा आपराधिक इतिहास सामने आ जाता है। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि पुलिस की कार्रवाई भी अधिक सटीक और त्वरित हो पाती है।
यह टूल पुलिस को गैंगस्टर एक्ट सहित अन्य गंभीर मामलों में भी मदद कर रहा है। थाना प्रभारी अब आसानी से यह जांच सकते हैं कि किन अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिससे संगठित अपराध पर लगाम लगाने में आसानी होगी।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार बोले—टूल से कार्रवाई आसान
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने इस पहल पर बात करते हुए बताया कि ‘क्राइम GPT’ के माध्यम से अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई और उनकी निगरानी अब कहीं अधिक आसान हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी थाना प्रभारियों को इस टूल के इस्तेमाल के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं और आवश्यकतानुसार उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
आगरा पुलिस का यह ‘डिजिटल वार’ निश्चित रूप से अपराध नियंत्रण में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। यह तकनीक अपराधियों के मन में खौफ पैदा करेगी और कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाएगी।