गोरखपुर मंदिर का महंत बनकर लाखों की ठगी: आजमगढ़ में ‘फर्जी महंत’ शिवसागर भारती ने चैरिटेबल अस्पताल और नौकरी के नाम पर लूटा लोगों को

Laxman Sharma
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आजमगढ़/उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर मंदिर के नाम पर ठगी करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूर्व में भी कुछ लोगों ने “योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया” नामक संस्था बनाकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी की थी। अब ऐसा ही एक और सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की तहसील सगड़ी के थाना जीयनपुर क्षेत्र से सामने आया है।

रजादेपुर सन्यासी मठ का ‘फर्जी महंत’

थाना क्षेत्र के अंतर्गत रजादेपुर सन्यासी मठ के नाम से गोरखपुर-आजमगढ़ मार्ग पर एक प्राचीन मठ स्थित है। पूर्व में इस मठ के महंत शिव हर्ष भारती थे, जिनका कुछ वर्ष पूर्व बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसके बाद कोठिया मठ के महंत शिव शंकर भारती को रजादेपुर मठ का कार्यवाहक एवं संरक्षक बनाया गया। इस दौरान महंत शिव शंकर भारती अपने एक शिष्य शत्रुघ्न मिश्र को रजादेपुर मठ में स्थित संस्कृत महाविद्यालय में विद्या अध्ययन के लिए लेकर आए। मगर शिव शंकर भारती को क्या पता था कि शातिर दिमाग शत्रुघ्न मिश्र (वर्तमान नाम शिवसागर भारती) उनके साथ ही षड्यंत्र रच देगा।

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जालसाजी और फर्जी मुकदमे

शातिर दिमाग शिवसागर भारती ने धन का लालच देकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने सारे दस्तावेज तैयार करवा लिए एवं मठ के परिवार रजिस्टर में भी जालसाजी कर अपना नाम दर्ज करवा लिया। जब महंत शिव शंकर भारती एवं संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य वीरेंद्र मिश्रा सहित अन्य लोगों ने इसका विरोध किया, तो शिवसागर भारती ने सभी पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए। इतना ही नहीं, जालसाजी एवं फर्जी दस्तावेज लगाकर मठ संपत्ति की विरासत में भी अपना नाम दर्ज करवा लिया, जिससे संबंधित मामला आजमगढ़ आयुक्त न्यायालय में विचाराधीन है।

गोरखपुर मंदिर और सीएम योगी का नाम लेकर ठगी

शिवसागर भारती का लालच यहीं नहीं रुका। उसने अपने आप को गोरखपुर मंदिर का महंत एवं रजादेपुर मठ को गोरखपुर मंदिर से संबंधित होने का भ्रम फैलाना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने गुरु का गुरु भाई भी बताने लगा एवं ट्रूकॉलर पर गोरखपुर मंदिर के महंत का स्टेटस लगा लिया। जिससे कई लोग शिवसागर के प्रभाव में आकर ठगी का शिकार बन गए।

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चैरिटेबल अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

शिवसागर ने मठ की जमीनों पर भी चैरिटेबल अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज बनवाने के नाम पर दिल्ली, महाराष्ट्र एवं यूपी के लोगों से लगभग 23 लाख रुपए की ठगी कर ली। सूत्रों के अनुसार, सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर भी शिवसागर द्वारा क्षेत्र के लोगों से लाखों रुपए की ठगी की गई। गोरखपुर मंदिर का महंत जानकर लोगों ने डर की वजह से इसकी शिकायत भी नहीं की, क्योंकि शिकायत करने पर शिवसागर भारती सभी को झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भिजवाने की धमकी देता था।

प्रधानमंत्री को शिकायत और आगे की कार्रवाई की मांग

इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता मानकदीन भुर्जी ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखित पत्र के माध्यम से शिकायत की है एवं शिवसागर भारती के विरुद्ध इन सभी मामलों में उच्च स्तरीय जांच का निवेदन किया है। शिवसागर भारती ने एक सामाजिक संस्था बनाने के नाम पर भी कई लोगों से लाखों रुपया ले लिया। जब संस्था द्वारा कोई भी सामाजिक काम नहीं किया गया, तब संस्था में शामिल सदस्यों ने इस संबंध में लिखित शिकायत जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से एसपी आजमगढ़ से की है।

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शत्रुघ्न मिश्र बहुत ही शातिर दिमाग है, जिसने अपना नाम बदलकर शिवसागर भारती सभी दस्तावेजों में करवा लिया एवं सभी को हटाकर पूरे मठ का मालिक बन बैठा। ऐसे व्यक्तियों द्वारा साधु-संतों के नाम को कलंकित किया जा रहा है। कानून के प्रति समाज में विश्वास एवं अपराधियों को कानून का सख्त संदेश देने के लिए इन पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। अब देखना यह है कि शिवसागर भारती पर पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है एवं पीड़ितों को न्याय मिल पाता है अथवा नहीं।

 

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