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केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वें वेतन आयोग से ₹75,000 तक पहुंच सकती है न्यूनतम सैलरी, जानें पूरा गणित

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
4 Min Read
केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! 8वें वेतन आयोग से ₹75,000 तक पहुंच सकती है न्यूनतम सैलरी, जानें पूरा गणित

नई दिल्ली: अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनधारक हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है! जिस 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लाखों लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उसे लेकर धीरे-धीरे अपडेट्स सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं, हालांकि कुछ अंदरूनी अड़चनों के चलते यह तारीख थोड़ी खिसक भी सकती है।

कब तक लागू होगा नया वेतन आयोग?

1 जनवरी 2026 की तारीख को लेकर उम्मीदें तो काफी हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल, सरकार ने अभी तक आयोग का गठन भी नहीं किया है और न ही इसके नियम और शर्तें (Term of Reference) तय की गई हैं। ऐसे में, इसकी प्रक्रिया शुरू होने में कुछ और समय लग सकता है।

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अगर हम 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा देखें, तो उसकी घोषणा 2014 में हुई थी और उसे लागू होने में 2016 तक का समय लगा था, यानी लगभग 2 साल। इसी तर्ज़ पर, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2026 के अंत या फिर 2027 की शुरुआत में लागू हो सकती हैं।

फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि का गणित

फिटमेंट फैक्टर वह फॉर्मूला है जिससे यह तय होता है कि मौजूदा सैलरी में कितनी गुना बढ़ोतरी होगी। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी। 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है।

अगर सरकार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी करीब ₹51,000 तक हो सकती है। इसके साथ ही DA (महंगाई भत्ता), HRA (हाउस रेंट अलाउंस), और ट्रैवल अलाउंस भी नए सिरे से कैलकुलेट होंगे, जिससे न्यूनतम ग्रॉस सैलरी ₹70,000 से ₹75,000 तक पहुंच सकती है।

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हालांकि, इतनी बड़ी वेतन वृद्धि से सरकार के बजट पर भी काफी असर पड़ेगा, क्योंकि सैलरी और पेंशन दोनों का खर्च एक साथ बढ़ेगा। इसीलिए, अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, सरकार शायद 2.6 या 2.7 के बीच का कोई समझौता फैक्टर लागू कर सकती है ताकि वित्तीय संतुलन बना रहे।

पेंशनर्स और अन्य लाभ

मौजूदा नियमों के हिसाब से, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लगाया गया तो पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन भी ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 तक पहुंच सकती है। हालांकि इस पर अब तक कोई ठोस फॉर्मूला सामने नहीं आया है, लेकिन यह तय है कि पेंशनर्स को भी बड़ा फायदा मिलेगा।

इस बात की भी चर्चा है कि सरकार महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज कर सकती है। अभी कर्मचारियों को DA उनकी बेसिक सैलरी का 55% मिल रहा है, और साल के अंत तक यह 60% तक जा सकता है। अगर इसे मर्ज कर दिया गया, तो यह भी सैलरी बढ़ाने में मदद करेगा।

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सिर्फ बेसिक सैलरी ही नहीं, बल्कि ग्रेड पे, एचआरए, ट्रैवल अलाउंस और बाकी सुविधाएं भी इससे प्रभावित होंगी। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन भी नए सिरे से री-कैलकुलेट की जाएगी। यानी कुल मिलाकर, सैलरी और पेंशन दोनों को लेकर अच्छा-खासा फायदा मिलेगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी सूत्रों, रिपोर्ट्स और वेतन आयोग की पिछली प्रक्रियाओं पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक निर्णय या दावे से पहले संबंधित सरकारी विभाग की पुष्टि अवश्य करें।

 

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