आगरा/मथुरा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) अब अपने विस्तार की नई योजना पर तेजी से काम कर रहा है। बुलंदशहर और ग्रेटर नोएडा के बाद, यह प्राधिकरण अब आगरा और मथुरा जनपदों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है। इस बार अधिग्रहण का आधार सीधा संवाद और किसानों की सहमति होगा, जिससे विकास योजनाओं को सामाजिक समर्थन और स्थायित्व मिल सके।
राया हेरिटेज सिटी से लेकर खंदौली में न्यू आगरा अर्बन सिटी तक बदलेगा क्षेत्रीय नक्शा
यीडा की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, आगरा में खंदौली क्षेत्र के चयनित गांवों से शुरुआत होगी। प्राधिकरण की योजना के तहत फिलहाल यहां भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक तैयारी चल रही है। अधिकारियों के अनुसार, एक्सप्रेसवे के किनारे और शहरी विस्तार की दृष्टि से कुछ गांवों को चिह्नित कर लिया गया है। इन गांवों में जल्द ही किसानों से बातचीत शुरू होगी और उनकी सहमति के आधार पर भूमि हस्तांतरण को औपचारिक रूप दिया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया यीडा के मास्टर प्लान के तहत चिह्नित की गई जमीनों पर आधारित है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही भूमि अधिग्रहण पूरा होगा, विभिन्न विकास योजनाओं का लॉन्च शीघ्र कर दिया जाएगा। योजनाओं के प्रारूप तैयार हो चुके हैं और अब किसानों से एग्रीमेंट प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।
मथुरा में बनेगी राया हेरिटेज सिटी
मथुरा जनपद के राया क्षेत्र में लगभग 750 एकड़ भूमि पर ‘राया हेरिटेज सिटी’ बसाने की योजना है। यहां के किसानों से बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है। इस योजना को गति देने के लिए यीडा ने राया में अपना क्षेत्रीय कार्यालय भी स्थापित कर लिया है।
बुलंदशहर में जापानी और कोरियन सिटी का प्रारूप अंतिम चरण में
बुलंदशहर में भी यीडा का काम तेजी पर है। वर्ष 2023 में ही 55 गांवों को योजना में शामिल करते हुए राजपत्र अधिसूचना जारी की जा चुकी है। यहां के सेक्टर-4 और सेक्टर-5 में ‘जापानी सिटी’ और ‘कोरियन सिटी’ जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश किसानों की सहमति प्राप्त हो चुकी है और अब मुआवजे का निर्धारण अंतिम दौर में है।
नए विकास से बदलेगा क्षेत्र का भविष्य
यीडा की यह विस्तार रणनीति न केवल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार, निवेश और शहरी सुविधाओं से भी जोड़ने का काम करेगी। अब तक जो योजनाएं केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा तक सीमित थीं, वे अब यमुना किनारे के अन्य शहरों में भी विकास और संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगी, जिससे क्षेत्र का भविष्य बदलेगा।