आगरा में जल संरक्षण पर महत्वपूर्ण बैठक, ‘कोट बांध’ और ‘रेहावली बांध’ योजनाओं पर बनी रणनीति
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने दिए निर्देश; सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने उठाई अहम मांगें, रेनवेल योजना पर पुनर्विचार का आग्रह
आगरा: जनपद आगरा में जल संरक्षण और सिंचाई से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर बुधवार को जिला सिंचाई बंधु की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं को लेकर कई अहम निर्देश दिए। बैठक में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और पानी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें रखीं।
‘कोट बांध’ के रेगुलेटर की मरम्मत के लिए राजस्थान सरकार से होगा संपर्क
डॉ. मंजू भदौरिया ने सिंचाई विभाग के लोअर खंड आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता को कोट बांध (धौलपुर जनपद, राजस्थान) के सैल्यूस गेट की तत्काल मरम्मत कराने के लिए राजस्थान सरकार से संपर्क करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोट बांध का पानी उपयोगी है, लेकिन इसके रेगुलेटर क्षतिग्रस्त होने के कारण यह बाढ़ का कारण भी बन सकता है। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने भी जगनेर की बंधियों के शीर्ष पर स्थित इस कोट बांध के सैल्यूस गेटों की मरम्मत कर उन्हें कार्यशील बनाने का आग्रह किया था। उल्लेखनीय है कि सरमथुरा की पहाड़ियों से पोषित यह बांध, धौलपुर सीमा में होने के बावजूद जगनेर की बंधियों को पानी पहुंचाता है।
‘रेहावली बांध’ के लिए बनेगी कार्ययोजना
बैठक में फतेहाबाद विकासखंड के रेहावली गांव में उटंगन नदी पर बांध बनाए जाने के लिए कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए गए। डॉ. भदौरिया ने बताया कि यह योजना मुख्यमंत्री के संज्ञान में है और इसके संबंध में सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड, अलीगढ़ द्वारा आगरा कैनाल के लोअर खंड के साथ संयुक्त सर्वेक्षण भी हो चुका है।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने इस परियोजना को जनपद की बहुपयोगी योजना बताया है। उनका कहना है कि इसके क्रियान्वित होने से भूगर्भ जल रिचार्ज, जल संचय और नदी पुनर्जीवन जैसे कई महत्वपूर्ण लक्ष्य पूरे होंगे। यमुना नदी में पानी का स्तर कम होने पर उटंगन में पानी का बैक फ्लो होता है, और खारी, पार्वती, डब्ल्यू डी ड्रेन, जगनेर की बंधियों के डिस्चार्ज से बने बड़े वाटरशेड का भी इसमें योगदान रहता है। बांध बनने से इस पानी को किसानों की आवश्यकतानुसार उपयुक्त समय तक रोका जा सकेगा। यह विशाल जल संचय बटेश्वर तीर्थ के ‘नाहन पर्वों’ पर यमुना नदी में स्वच्छ जल के रूप में आवश्यकतानुसार डिस्चार्ज भी किया जा सकता है।
ड्रोन मैपिंग और अन्य मुद्दे
डॉ. भदौरिया ने रेहावली के उटंगन नदी के यमुना में मिलने वाले क्षेत्र (Confluence of rivers) और जगनेर की बंधियों की ड्रोन मैपिंग कराए जाने का भी निर्देश दिया।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना और असलम सलीमी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने बैठक में जनपद में जल संचय की संभावनाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
‘रेहन कलां गांव रेनवेल योजना’ पर पुनर्विचार की मांग
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने यमुना तट पर स्थित रहन कलां गांव में आठ करोड़ घन लीटर प्रतिदिन जल दोहन के लिए बनाई जा रही पांच रेनवेलों की योजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। संस्था ने तर्क दिया कि इन रेनवेलों के बनने से खंदौली, एत्मादपुर और बरौली अहीर विकास खंड के गांव सीधे प्रभावित होंगे। ये तीनों ही विकास खंड अतिदोहित श्रेणी में हैं और इनका जलभृत तंत्र (Aquifer System) गड़बड़ाया हुआ है, जिससे किसानों को नई बोरिंग तक की अनुमति नहीं मिल पाती। सिविल सोसाइटी का मानना है कि जलभृत तंत्र को रिचार्ज करने की योजना के प्रतिकूल, वृहद जल दोहन की इस योजना से रहन कलां से बाह तहसील के खिलावली गांव तक नदी का बहाव व जल शून्यता की स्थिति में पहुंच जाएगा।
जिला योजना कमेटी की मीटिंग का अनुरोध
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने डॉ. भदौरिया से यह भी अनुरोध किया कि वे जनपद के प्रभारी मंत्री से जिला योजना कमेटी की मीटिंग आहूत करने का आग्रह करें। इससे उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग और चिन्हित योजनाओं को वित्तपोषण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।