एटा (जैथरा) जब अफसर अपने पद की गरिमा को समझते हैं और उसे सेवा का माध्यम मानते हैं, तब नतीजा कुछ अलग ही होता है। जैथरा ब्लॉक के धरौली गांव में नाले के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की शिकायत मिली तो खंड विकास अधिकारी मोहम्मद फ़ैजल आलम ने जिस तत्परता और जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई की, वह प्रशासनिक सेवा में कर्तव्यपरायणता का एक आदर्श उदाहरण बन गया है।
धरौली गांव में कुछ दिनों से नाले का निर्माण चल रहा था। ग्रामीणों ने देखा कि इस कार्य में मजबूत लाल ईंट की जगह पीली, कमजोर ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। लोगों को संदेह हुआ कि निर्माण में लापरवाही हो रही है और ठेकेदार मानक के अनुरूप सामग्री नहीं इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने इसकी शिकायत बीडीओ कार्यालय में की।
शिकायत मिली… पहुंच गए मौके पर
जैसे ही यह शिकायत खण्ड विकास अधिकारी मोहम्मद फ़ैजल आलम को मिली, उन्होंने कागज़ी खानापूर्ति में समय गंवाने की बजाय तुरंत धरौली गांव पहुंचने का फैसला किया। गांव पहुंचते ही उन्होंने निर्माण स्थल का गहन निरीक्षण किया। बीडीओ ने खुद नाले में इस्तेमाल हो रही ईंटों की जांच की और पाया कि ग्रामीणों की शिकायत सही है। निर्माण में मानक से कमजोर और घटिया ईंटें इस्तेमाल हो रही थीं।
खुद खड़े होकर उखड़वाईं ईंटें –
बीडीओ फ़ैजल आलम ने एक जिम्मेदार अधिकारी की तरह मौके पर ही काम रुकवाया। इसके बाद उन्होंने खुद खड़े होकर मजदूरों से सभी पीली ईंटों को उखड़वाना शुरू करवाया। यह देख ग्रामीणों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। लोगों को लगा कि पहली बार कोई ऐसा अधिकारी आया है जो सिर्फ कुर्सी पर बैठकर आदेश नहीं देता, खुद मौके पर आकर कर्तव्य निभाता है।
चेतावनी: जनता का पैसा है,एक एक ईट का हिसाब होगा
बीडीओ ने निर्माण कार्य करवा रहे ठेकेदार को मौके पर बुलवाया और उसकी जमकर फटकार लगाई। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यह जनता का पैसा है और इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अब नाले का निर्माण मानक के अनुसार ही किया जाएगा, अन्यथा संबंधित विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने की सराहना
खण्ड विकास अधिकारी की कार्रवाई से गांव के लोगों में खुशी और विश्वास दोनों बढ़ा है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने पहले भी कई बार घटिया निर्माण की शिकायतें की थीं, लेकिन कभी इतनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। मोहम्मद फ़ैजल आलम की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से अब उन्हें लगता है कि प्रशासन वाकई जागरूक है और जनता के हितों के लिए काम कर रहा है।
जीरो टॉलरेंस नीति को जमीन पर उतारने वाले अफसर –
बीडीओ मोहम्मद फैजल आलम ने यह दिखा दिया कि एक अधिकारी अगर अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार हो, तो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही को रोका जा सकता है। उन्होंने साबित किया कि सरकारी सेवा सिर्फ नौकरी नहीं, जनता के प्रति जवाबदेही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को ज़मीन पर उतारने वाले इस तरह के अधिकारी ही प्रशासन की साख को मजबूत करते हैं और जनता का विश्वास कायम रखते हैं।