नई दिल्ली: भारत ने पश्चिमी तटीय क्षेत्र, विशेष रूप से अरब सागर से संभावित हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए अपनी रक्षा क्षमताओं को अभूतपूर्व रूप से मजबूत कर दिया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने S-400 ट्रायंफ, बराक-8 (MR-SAM) और आकाश डिफेंस सिस्टम जैसी उन्नत मिसाइल प्रणालियों को एकीकृत करते हुए एक अभेद मिसाइल नेटवर्क तैयार किया है।
यह नेटवर्क दुश्मन के किसी भी हवाई या मिसाइल हमले को हरकत में आने से पहले ही निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है, जिसे अनौपचारिक रूप से ‘7000 रडार वाला चक्रव्यूह’ कहा जा रहा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सुरक्षा रणनीति में बड़ा बदलाव
मई 2025 में हुए भारत-पाक संघर्ष (जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद का घटनाक्रम बताया जा रहा है) के बाद भारत ने अपनी वायु और समुद्री सीमाओं को और अधिक सुरक्षित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 और आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को पूरी तरह से विफल कर दिया था। अब भारत ने अरब सागर के तटीय क्षेत्र को एक इंटीग्रेटेड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल नेटवर्क से लैस किया है। इस त्रिस्तरीय प्रणाली में शामिल हैं। S-400 ट्रायंफ: लंबी दूरी की ढाल, 400 किमी तक की मारक क्षमता। बराक-8 LR-SAM: मध्यम दूरी की रक्षा, 70–100 किमी की रेंज आकाश मिसाइल सिस्टम: कम दूरी की रक्षा, 45 किमी की रेंज।
मई 2025 में इस प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोन स्वार्म हमलों को बिना किसी नुकसान के निष्क्रिय कर दिया था।
वायुसेना की ‘त्वरित तैनाती’ क्षमता में इजाफा

इस नए रक्षा ढांचे को समर्थन देने के लिए भारतीय वायुसेना (IAF) ने भी अपनी तैयारी बढ़ा दी है। IAF ने राफेल, मिराज, और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों के ऑपरेशनल रेडीनेस प्लेटफॉर्म्स को पश्चिमी सेक्टर में मजबूत किया है। एयर मार्शल दिनेश के. त्रिपाठी ने हाल ही में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की और समुद्री प्रतिरोधक क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
हिन्द महासागर में चीन पर नज़र
भारत का यह नया और मजबूत तटीय रक्षा ढांचा केवल पाकिस्तान के पारंपरिक खतरों तक सीमित नहीं है। इसे विशेष रूप से हिन्द महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती गतिविधियों और सैन्य विस्तार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
मई 2025 के संघर्ष में भारत ने 500 से अधिक दुश्मन ड्रोन और कई मिसाइल हमलों को बिना किसी बुनियादी नुकसान के निष्क्रिय कर दिया था—जो भारत की वायु रक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता का सबसे बड़ा प्रमाण है।
नई रणनीति का सिद्धांत
भारत की नई सुरक्षा रणनीति अब स्पष्ट है: दुश्मन को हरकत में आने से पहले ही खत्म कर देना। यह सिद्धांत न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।
