झाँसी उत्तर प्रदेश
सुल्तान आब्दी
*अलाव, रैन बसेरा एवं अलाव के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं:- मुख्य सचिव*
*मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से सभी मण्डालयुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर दिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश*
*सभी जिलाधिकारी शीतलहर से बचाव के लिए पूर्ण संवेदनशीलता एवं तत्परता से करें कार्य*
*26 दिसंबर को सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा आयोजित कर विकसित भारत-जी राम जी योजना के बारे में किया जाए जागरूक*
*स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के लाभों से अवगत कराकर समूह से जुड़ने के लिए लोगों को किया जाए प्रेरित*
मुख्य सचिव श्री एस.पी.गोयल ने वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से सभी मण्डालयुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
प्रदेश में बढ़ती सर्दी, शीतलहर एवं घने कोहरे को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को शीतलहर से बचाव के लिए पूर्ण संवेदनशीलता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस बात विशेष जोर दिया कि किसी भी दशा में कोई व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोता हुआ न पाया जाए।
उन्होंने कहा कि शीतलहर से बचाव के लिए किए गए इंतजामों जैसे अलाव एवं रैन बसेरों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, ताकि आम नागरिकों को इन सुविधाओं की पूरी जानकारी मिल सके और वे इसका लाभ उठा सकें। नियमित निरीक्षण कर निराश्रितों एवं जरूरतमंदों को तत्काल रैन बसेरों तक पहुंचाया जाए तथा रैन बसेरों में सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे बिस्तर, कंबल, शुद्ध पेयजल, प्रकाश एवं स्वच्छता आदि उपलब्ध कराई जाएं।
उन्होंने आगे निर्देश दिए कि शीतलहर से बचाव के इंतजामों का समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी कराया जाए। अलाव, रैन बसेरा एवं अलाव के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि की मांग की जा सकती है। सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टेशन, लवे स्टेशन, अस्पताल एवं प्रमुख चौराहों पर अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए तथा जरूरतमंदों को निरंतर कंबल वितरित किए जाएं।
विकसित भारत- गारंटी फार रोजगार एण्ड आजीविका मिशन (ग्रामीण) : विकसित भारत- जी राम जी योजना के संबंध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि दिनांक 26 दिसंबर, 2025 को सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाए। इन ग्राम सभाओं में योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए, जिससे लोगों के मन योजना को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रांति न रहे। साथ ही, सभी ग्रामों में ‘चौपाल पर चर्चा’ कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को योजना के लाभों से अवगत कराया जाए। इस योजना का सोशल मीडिया, होर्डिंग, पफलेट, पोस्टर आदि माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं और हम निर्धारित लक्ष्यों से अधिक उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों तथा मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना की नियमित समीक्षा की जाए तथा समूहों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाए। इसके लिए नई रणनीतियों को अपनाया जाए।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), बस स्टैंडों तथा विभिन्न कार्यालयों आदि सार्वजनिक स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित ‘प्रेरणा कैंटीन’ खोली जाएं। इससे एक ओर जहां आमजन को पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा, वहीं ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समूहों से जुड़ने के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। इन लाभों में रिवाल्विंग फंड के माध्यम से तत्काल पूंजी सहायता, सामूहिक निवेश निधि से आजीविका एवं व्यवसाय विस्तार, बैंक क्रेडिट लिंकेज के जरिए कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा, नियमित बचत की आदत, तथा बीमा एवं पेंशन योजनाओं से जुड़ाव आदि शामिल हैं। इन लाभों से महिलाओं को अवगत कराते हुए उन्हें समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए।
लखपति दीदी योजना के संदर्भ में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि डिजिटल आजीविका रजिस्टर में स्वयं सहायता समूह सदस्यों की पारिवारिक आय का त्रुटिरहित अंकन सुनिश्चित किया जाए। इससे योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी और अधिक से अधिक महिलाएं वार्षिक एक लाख रुपये से अधिक आय अर्जित करने वाली ‘लखपति दीदी’ बन सकेंगी।
बैठक में विकसित भारत- जी राम जी योजना की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया। यह योजना ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों की बजाय 125 दिनों की कानूनी रोजगार गारंटी प्रदान करती है। गांवों के विकास की बेहतर प्लानिंग के लिए पीएम गतिशक्ति तथा अन्य आधुनिक टूल्स का उपयोग किया जाएगा। यदि कार्य उपलब्ध न कराया जाए तो बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान और अधिक सशक्त बनाया गया है। कार्यों को जल सुरक्षा एवं जल संरक्षण कार्य, ग्रामीण अवसंरचना से संबंधित कार्य, आजीविका संवर्धन कार्य तथा जलवायु परिवर्तन एवं प्रतिकूल मौसम से निपटने संबंधी कार्य इन चार प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। विकास पैरामीटर के आधार पर ग्राम पंचायतों को ए, बी एवं सी श्रेणी में वर्गीकृत किया जाएगा। कृषि कार्यों (बुआई एवं कटाई) के मौसम में किसानों को असुविधा न हो, इसके लिए वर्ष में अधिकतम 60 दिनों तक कार्य बंद रखने का प्रावधान है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु बायोमेट्रिक हाजिरी, जीआईएस मैपिंग, साप्ताहिक सार्वजनिक प्रकटीकरण तथा आईटी टूल्स के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था की गई है।
बैठक में बताया गया कि शीतलहर के दृष्टिगत इस वर्ष अधिक अब तक कुल 10,65,889 कम्बल वितरित किए जा चुके हैं। कम्बल क्रय हेतु समस्त जनपदों को कुल 17.55 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। रैन बसेरों की व्यवस्था के तहत वर्तमान में कुल 1192 रैन बसेरे संचालित हैं तथा इनमें 9949 लोग आश्रय ले चुके हैं। सचेत ऐप/पोर्टल पर कोहरे (फॉग) का अलर्ट भी जारी किया जा रहा है। दिनांक 19 दिसंबर 2025 से अब तक कुल 33.27 करोड़ अलर्ट एसएमएस के माध्यम से प्रभावित जनपदों के अधिकारियों एवं आमजनमानस को प्रेषित किए गए हैं। यूपीडा, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, उपशा तथा संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों एवं जिला पुलिस को ई-मेल के माध्यम से कोहरे से संबंधित अलर्ट्स प्रेषित किए जा रहे है।
शीतलहर के बीच जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित रैन बसेरों एवं अलाव स्थलों की संख्या में निरंतर वृद्धि की जा रही है। वर्ष 2025-2026 (दिनांक 24 दिसंबर 2025 तक) में चिह्नित अलाव स्थानों की संख्या 19,177 रही, जबकि वर्ष 2024-2025 में यह 10,258 तथा वर्ष 2023-2024 में 5,208 थी। कुल वितरित किए गए कम्बलों की संख्या इस वर्ष 1,40,364 है, जो वर्ष 2024-2025 में 11,44,305 तथा वर्ष 2023-2024 में 11,07,123 थी। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रैन बसेरों तथा अलाव स्थलों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास सौरभ बाबू, ग्राम्य विकास आयुक्त जी0 एस0 प्रियदर्शी, राहत आयुक्त डॉ० हृषिकेश भास्कर यशोद, सचिव गृह मोहित गुप्ता, सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म माला श्रीवास्तव, मिशन निदेशक यूपीएसआरएलएम दीपा रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
