एटा के सकरौली क्षेत्र के गांव हंसपुर के पास एक गड्ढे में लावारिस नवजात बच्ची मिली थी। बुधवार को इस बच्ची को गोद लेकर पुलिस का एक सिपाही संरक्षक बना। मंगलवार को बच्ची मिलने के बाद पुलिस ने इसे सीएचसी चुरथरा में भर्ती कराया था। वहां उसे ऑक्सीजन दी गई। बच्ची स्वस्थ है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. बृजेश सिंह ने बताया कि बच्ची को 24 घंटे चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया।
इसके बाद नियमानुसार थाने की पुलिस उसे लेकर आई थी, उसकी सुपुर्दगी में दे दिया गया। बाद में बाल कल्याण समिति से इस बच्ची के संबंध में निर्णय लिया जाना था। सकरौली थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि बच्ची को गोद लेने के लिए थाने में तैनात सिपाही धीरेंद्र सिंह ने आवेदन किया था। बाल कल्याण समिति से कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सिपाही ने बच्ची को गोद ले लिया है।
गांव हंसपुर के पास 13 दिसंबर की सुबह करीब छह बजे एक गड्ढे से बच्चे के रोने की आवाजें ग्रामीणों ने सुनीं तो पास जाकर देखा। वहां नवजात बच्ची पड़ी थी। इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने बच्ची को पहले सीएचसी चुरथरा में भर्ती कराया। बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ थी। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि दो-चार घंटे पहले उसे यहां छोड़ा गया था। बच्ची को गोद लेने के लिए कई लोगों ने संपर्क किया था।
थाना बागवाला क्षेत्र के गांव नगला दीप में 21 नवंबर को भी नवजात बच्ची खेतों में पड़ी मिली थी। इसको ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देकर बरामद कराया था। उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। बच्ची की हालत नाजुक होने की वजह से अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था, वहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था।