नई दिल्ली। देश के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोविडेंट फंड से संबंधित नियमों में बदलाव कर दिया है। ईपीएफओ सब्सक्राइबर को खाता खोले अगर 5 साल पूरे नहीं हुए हैं और वह अपने अकाउंट से पैसा निकालता है, तो उसे अब टैक्स देना होगा। पांच साल बाद निकासी करने पर टीडीएस नहीं कटेगा। पांच साल से पहले पीएफ अकाउंट से निकाली गई पूरी राशि पर टीडीएस कटेगा। यही नहीं साल में 2।50 लाख रुपये से ज्यादा का पीएफ कंट्रीब्यूशन टैक्स के दायरे में आएगा।
बजट में टीडीएस को लेकर एक अहम बदलाव और किया गया है। अगर आप अपने पीएफ खाते से 1 अप्रैल 2023 के बाद पैसा निकालेंगे, तो अब आपको 30 फीसदी की जगह 20 फीसदी ही टीडीएस देना होगा। भले ही आपका खाता पैन कार्ड से लिंक्ड हो या नहीं। अगर आप 1 अप्रैल 2023 से पहले ईपीएफ से निकासी करते है, तो आपको पहले की तरह ही टीडीएस देना होगा। अगर कोई खाताधारक 5 साल के अंदर पैसे निकालता है, तो उसे टीडीएस भरना पड़ता है।
वहीं, 5 साल के बाद पैसे निकालने पर कोई टीडीएस नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जानकारी दी थी कि टीडीएस के लिए 10 हजार रुपए की लिमिट को भी हटाया गया है। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि अगर पैन आधार से लिंक नहीं है तो पीएफ या ईपीएफ खाता खोलने के पांच साल से पहले निकासी होने पर पीएफ निकासी पर कर देना होगा।
अगर पीएफ खाता, खाताधारक के पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है, तो निकासी राशि पर कोई टीडीएस नहीं लगाया जाएगा। जो रकम पीएफ से निकाली जाएगी वह उस वर्ष की खाताधारक की कुल कर योग्य आय में जुड़ जाएगी और उस पर पीएफ खाताधारक के आयकर स्लैब के अनुसार कर देना होगा। बलवंत जैन का कहना है कि अगर पीएफ खाता खाताधारक के पैन कार्ड से जुड़ा नहीं है, तो उसके पीएफ खाते में उपलब्ध शुद्ध राशि पर टीडीएस काटा जाता है। वर्तमान में टीडीएस दर 30 प्रतिशत है, जो 1 अप्रैल 2023 से घटकर 20 प्रतिशत हो जाएगी।