किरावली। गांव गोपऊ स्थित चामड़ मैया मंदिर में मंगलवार को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा मंदिर परिसर से शुरू हुई और विभिन्न स्थानों से होते हुए वापिस मंदिर परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई।
इससे पूर्व कथा स्थल पर हवन पूजन किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथावाचक पदम श्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। कथा में परीक्षित की भूमिका रामदास महाराज ने निभाई। प्रेमानंद शास्त्री महाराज, अनेक सिंह वर्मा, सिद्धसदन प्रधान आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।