कोविड से रिकवरी के दो साल बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हुए फेफड़े

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

नई दिल्ली । एक स्टडी में सामने आया है कि कोविड से ठीक होने के दो साल बाद भी फेफड़े पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं। मीडिया के अनुसार रेडियोलॉजी साइंस जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी में बताया गया है कि दुनियाभर में 60 करोड़ से ज्यादा लोग कोविड से रिकवर हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनके कुछ अंगों खासकर फेफड़ों में लंबे समय तक इन्फेक्शन रह सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार स्टडी चीन के वुहान में स्थित मेडिकल कॉलेज ऑफ हुआझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्विंग यी और हेशुई शी ने की है। इस स्टडी में कोविड से ठीक हो चुके 144 मरीजों को शामिल किया गया था। इसमें 79 पुरुष और 65 महिलाएं थीं, जिनकी औसत उम्र 60 साल थी। ये वो मरीज थे जो 15 जनवरी से 10 मार्च 2020 के बीच कोविड से ठीक हुए थे। इन लोगों का 6 महीने, 12 महीने और दो साल में तीन बार सीटी स्कैन किया गया था।

See also  वॅलिंटाइन डे: अपने साथी को तोफे में दे ये खास चीज़, कहें ये खास वाक्य, अमर हो जाएगा आपका प्रेम

सीटी स्कैन में सामने आया कि कोविड से रिकवर होने के दो साल बाद भी इनके फेफड़ों में कई तरह की परेशानियां थीं। इनके फेफड़ों में फाइब्रोसिस, थिकनिंग, हनीकॉम्बिंग, सिस्टिक चेंज जैसी कई तरह की समस्याएं दिखीं।

स्टडी में पता चला कि 6 महीने बाद 54 फीसदी मरीजों के फेफड़ों में परेशानियां थी। वहीं, दो साल बाद भी 39 फीसदी मरीजों के फेफड़े पूरी तरह ठीक नहीं हुए थे, जबकि 61 फीसदी यानी 88 मरीजों के फेफड़े ठीक थे। स्टडी में बताया गया है कि मरीजों में सांस लेने से जुड़ी समस्याएं लंबे समय तक रहीं।

हालांकि, 6 महीने बाद 30 फीसदी मरीजों में ये समस्या थी, जबकि दो साल बाद ऐसे मरीजों की संख्या घटकर 22 फीसदी हो गई। स्टडी के मुताबिक दो साल बाद भी कई मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सामने आया कि दो साल बाद भी 29 फीसदी मरीजों में पल्मोनरी डिफ्यूजन की शिकायत थी। पल्मोनरी डिफ्यूजन का मतलब है कि फेफड़ों में हवा की थैलियां किस तरह से ऑक्सीजन पहुंचा रही हैं।

See also  Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई अब दो नवंबर को, पक्षकार बनने के सभी आवेदन खारिज

See also  सावधान : बड़े पैमाने पर हो रहा है ये स्कैम, कई लोगों ने गंवाए लाखों करोड़ों, आप भी न आ जाना इनके झांसे में
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.