डेढ़ दशक से सीएचसी पर काबिज सीएचओ पर मेहरबान होते रहे अधिकारी
एचईओ के खिलाफ मुंह खोलने से कतरा रहे विभागीय कर्मी
जगन प्रसाद
आगरा/किरावली। जनपद के कस्बा अछनेरा पर तैनात एचईओ विपिन बिहारी मिश्रा की ताकत के आगे सारे नियम और कानून धराशाई हो जाते हैं। विभाग में प्रत्येक वर्ष आने वाला स्थानांतरण का नियम विपिन बिहारी पर कभी लागू नहीं होता। चिकित्सकों से लेकर अन्य विभागीय कर्मियों का तबादला हो जाता है लेकिन विपिन बिहारी मिश्रा का तबादला करने की हिमाकत करने की उच्चाधिकारी जहमत नहीं उठाते। विपिन बिहारी मिश्रा के रसूख का ही असर है कि सीएचसी पर कोई भी एमओआईसी आए, लेकिन राज उसी का चलेगा।
उल्लेखनीय है कि विपिन बिहारी के खिलाफ हाल ही में दर्ज हुई शिकायत के बाद उसके अनैतिक क्रियाकलाप उजागर हुए थे। अपनी निजी जागीर समझकर जिस तरह सीएचसी पर आधिपत्य जमा लिया गया था, शिकायत में उसके सारे कारनामे बिंदुवार खोले गए थे। शिकायत होने के बाद विपिन बिहारी के होश उड़े तो उसने आनन फानन में शिकायत को मैनेज कराने के लिए दौड़ लगा दी।
उच्चाधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त विपिन बिहारी ने शिकायतकर्ता को कथित रूप से अपने प्रभाव में लेकर अपने पक्ष में रिपोर्ट लगा ली। इसके बाद अपने नंबर बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों ने भी विपिन बिहारी को क्लीन चिट देने में देर नहीं लगाई। इसके बाद विपिन बिहारी के खिलाफ लगाए गए सारे गंभीर आरोप दफन कर दिए गए।
बताया जाता है कि शिकायत में सीएचसी पर 14 साल से जमे विपिन बिहारी का स्थानांतरण नहीं होने और अवैध रूप से रिक्त पदों पर भर्ती करने का आरोप लगा था। उच्चाधिकारियों ने विपिन बिहारी को पूरी तरह पाक साफ घोषित कर दिया। उसके खिलाफ रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजने और गोपनीय जांच करने की जरूरत नहीं समझी।
सीसीटीवी फुटेज से खुल सकता है राज
सूत्रों के अनुसार सीएचसी के सीसीटीवी कैमरों में बहुत सारे राज दफन हैं। विगत दो साल की फुटेज की गहराई से जांच की जाए तो भांडा फूटने में देर नहीं लगेगी। विपिन बिहारी द्वारा सीएचसी को दुधारू गाय बनाकर छोड़ दिया गया है। सीएचसी पर तैनात कोई भी कर्मी उसकी मर्जी के बिना कोई कार्य नहीं करता। सभी कर्मियों में एमओआईसी से ज्यादा विपिन बिहारी का ही खौफ रहता है।
अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी मामले को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं फिलहाल सीएससी पर तैनात बिपिन बिहारी मिश्रा का जलवा साफ दिखाई दे रहा है।