- अहिरवा में डेंगू का भयंकर प्रकोप, चार की मौत
- सैकड़ों की संख्या में लोग बीमार, घर घर पड़ी चारपाई
गांव में कई घर ऐसे है जहां रोटी बनाने वालो के पड़े रहे लाले
- स्वास्थ्य पर्यवेक्षक ने गांव के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों को रोकथाम के नहीं बताए गांव में पहुंच कर उपाय
मैनपुरी । उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए प्रत्येक जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। जिनका काम मात्र इतना होता है कि वह गांव गांव लोगों के बीच जाकर कैंप लगाकर वहां के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय बताकर उन्हें जागरूक करना । जिससे लोग उन उपायों को अपनाकर अपना और अपने परिजनों का डेंगू जैसी प्राण घातक बीमारी से बचाव का सकें।
लेकिन जनपद मैनपुरी के विकासखंड सुल्तानगंज क्षेत्र के गांव अहिरवा में इस समय डेंगू जैसी भयंकर बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। जिसके चलते इस गांव में कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं। वहीं इस गांव में हर घर में चारपाई पर लेटे हुए मरीज अपना उपचार करा रहे हैं। इस गांव का आलम यह है कि लोग सही उपचार लेने के लिए निजी अस्पतालों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस गांव में जाकर कैंप लगाकर एक-दो दिन खाना पूर्ति करते हुए महज इतिश्री पूर्ण की गई है।
कोरोना महामारी से ज्यादा डेंगू का प्रकोप
सूचना पर जब मीडिया की टीम ने इस गांव की हकीकत का जायजा लिया और वहां के ग्रामीणों ने बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि बीते कुछ साल पूर्व भारत में कोरोना की महामारी आई थी। लेकिन उस समय हमारे गांव में इतना भय नहीं था, जितना इस समय मेरे गांव में डेंगू का भय है।
लोगों को किया जाता जागरूक तो नहीं फैलती बीमारी
यदि इस गांव और आसपास के गांव के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों की रोकथाम से बचाव के लिए सुल्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के द्वारा कैंप लगाकर जागरूक किया जाता तो शायद इतनी बड़ी संख्या में इस डेंगू जैसी भयंकर बीमारी से लोग बीमार नहीं होते।
इतने बड़े क्षेत्र में एक ही पर्यवेक्षक कर रहा है काम
अगर हम बात विकासखंड सुल्तानगंज क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुल्तानगंज की करें मैनपुरी के सीएससी कुचला के बाद क्षेत्रफल में दूसरे नंबर पर है जिस पर मात्र एक ही पर्यवेक्षक नारायण सिंह कार्यरत है जबकि सूत्रों के मुताबिक इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो पर्यवेक्षकों की तैनाती है जो एक पर्यवेक्षक अपनी ड्यूटी से नदारद्द रहते है
आखिर नदरद्द रह रहे पर्यवेक्षक कहां कर रहा है ड्यूटी
सूत्रों की माने तो इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुल्तानगंज पर दो पर्यवेक्षक की तैनाती बताई जाती है जिसमें से एक पर्यवेक्षक सीएमओ कार्यालय पर स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हेल्थ एजुकेशन पद पर कार्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं,
ना कोई प्रमोशन ना ही कोई तैनाती आदेश
अब सोचने वाली बातें हैं कि स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हेल्थ एजुकेशन की की मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अभी तक किसी की तैनाती नहीं है इसके बावजूद भी उक्त स्थान पर एक पर्यवेक्षक बिना प्रमोशन के ही लगभग 5 वर्ष से लगातार उसे पद पर काम कर रहे हैं इसके विषय में उक्त पद पर कार्य को कोई भी जानकारी नहीं है
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिया सही उपचार
वहीं ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग को कई बार सूचना देने के बाद टीम गांव में आई तो उसने बीमार लोगों को सही से उपचार नहीं दिया गया। यदि स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सही से उपचार दिया जाता तो जिन लोगों की गांव में मौतें हो गई हैं। उनकी मौतें भी नहीं होती और इतनी बड़ी संख्या में लोग जो निजी अस्पतालों का सहारा ले रहे हैं वह भी नहीं लेते।
गांव में लगे गंदगी के अंबार, नहीं हुआ एंटी लार्वा का छिड़काव
जिस वक्त गांव में मीडिया की टीम ने जाकर गली गली में भ्रमण किया तो वहां की गलियों में गंदगी के अंबार लगे हुए थे और उस गंदगी में डेंगू की बीमारी को जन्म देने वाले मच्छर पनप रहे थे। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में आजतक एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया है। जिसके कारण संचारी व संक्रामक रोग दिनोंदिन अपनी रफ्तार पकड़ रहे हैं।
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सीएमओ कार्यालय में चाट रहा मलाई
वहीं आपको विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि सुल्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर रविंद्र सिंह गौर की तैनात है। जिनका काम है कि इस क्षेत्र से लगने वाले गांवों में जाकर कैंप लगाकर वहां के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों की रोकथाम से बचाव की जानकारी देनी होती है। लेकिन उक्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र सिंह गौर करीब पिछले पांच सालों से भी अधिक समय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी का पदभार संभालते हुए वहां पर मलाई चाट रहे हैं।
क्या बोले सीएमओ
वहीं इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र गुप्ता से कहा गया कि सुल्तानगंज क्षेत्र के गांव अहिरवा में डेंगू जैसी भयंकर बीमारी के चलते दो सैकड़ा से भी अधिक लोग बीमार हैं। जिसपर उनके द्वारा कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा चार बार कैंप लगाकर वहां के लोगों को उपचार दिया गया है। जिसके चलते वहां के बीमार लोग कवर हो चुके हैं। जिसके बाद सीएमओ से कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि टीम के द्वारा सही से उपचार नहीं दिया गया। जिसके चलते लोग निजी अस्पतालों का सहारा ले रहे हैं। जिसपर सीएमओ ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा तो ऐसे ही आरोप लगाए जाते रहते हैं।
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक का काम कर रही है एंटी रेपिड टीम
वहीं जब सुल्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को लेकर बात की गई तो सीएमओ ने कहा कि उसकी जगह एंटी रेपिड टीम बनाई गई है। वह गांव गांव जाकर वहां के लोगों को संचारी व संक्रामक रोगों की रोकथाम के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
गांव में नहीं हुआ एंटी लार्वा का छिड़काव
ग्रामीणों ने मीडिया की टीम को स्वास्थ्य विभाग पर सबसे बड़ा आरोप लगाया था कि आजतक इस गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया है। जिसके कारण डेंगू जैसी बीमारी को जन्म देने वाले मच्छरों का बोलबाला है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस मामले में चिकित्साधीक्षक से जानकारी की जाएगी कि गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव क्यों नहीं किया गया है। यदि इस गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया है तो इस मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।