karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

Sumit Garg
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करवाचौथ 2023: हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर चांद की पूजा करने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है।

करवा चौथ का पर्व चंद्रमा की पूजा के बिना अधूरा माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश और माता करवा की पूजा की जाती है। महिलाएं इस दिन अपनी पति की लंबी आयु, रक्षा, खुशहाली के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे इस व्रत को करती हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस व्रत को करने से पति पर कोई संकट नहीं आता है।

खासकर उत्तर भारत में करवा चौथ (karva chauth) का पर्व ज्यादा प्रचलित है। उत्तर भारत के हर प्रांत में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा में विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाती हैं। इसे खाने के बाद सुहागन स्त्रियां दिनभर के लिए भूखी रहती हैं। शाम के वक्त महिलाएं चौथ व्रत से संबंधित कथा सुनती हैं। इसके पश्चात रात को चंद्रमा की पूजा की जाती है जिसमें पत्नियां अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। आकाश में चांद दिखने पर महिलाएं छलनी से चंद्रमा और पति का चेहरा देखती हैं, इसके पश्चात पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत की पूर्ण विधि को समाप्त करता है। इस पर्व पर पति भी पत्नी को उपहार देकर उनकी खुशियों को बढ़ा देते हैं।

कई पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार जब असुरों और देवताओं के बीच युद्ध हुआ तो इस समय देवता हार की कगार पर पहुंच गए थे। ऐसे में उनकी पत्नियों ने ब्रह्मा जी के कहने पर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का व्रत किया था। इसके बाद करवा माता ने सभी देवताओं के प्राणों की रक्षा की और युद्ध में भी जीत हासिल की।

smt.krishna garg 1 karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सवेरे सूर्योदय से पहले लगभग 4 बजे से आरंभ होकर रात में चंद्रमा दर्शन के उपरांत संपूर्ण होता है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं।

श्रीमती कृष्णा गर्ग, जिलाउपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा आगरा-खेरागढ़

Poonam kushwaha karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

यह पर्व रिश्तों को मजबूत बनाने वाला होता है जिस कारण यह पति-पत्नी दोनों के लिए खास महत्व रखता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए रखती हैं।करवा चौथ से जुड़ी मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।

श्रीमती पूनम कुशवाह, शिव कॉलोनी खेरागढ़

Malti goyal 1 karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

कहने को तो करवा चौथ का त्यौहार एक व्रत है लेकिन यह नारी शक्ति औऱ उसकी क्षमताओं का सवश्रेष्ठ उदहारण हैं इसलिए क्योंकि नारी अपने दृढ़ संकल्प से यमराज से भी अपने पति के प्राण ले आती हैं तो फ़िर वह क्या नहीं कर सकती हैं।

श्रीमती मालती गोयल, सभासद वार्ड नं.7 खेरागढ़

 

Sadhna goyal sabhasad ward 14 karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

करवा चौथ वाले दिन पत्नी द्वारा अपने पति की लंबी आयु और उसकी सुख-समृद्धि के लिए की गई पूजा-अर्चना पति की जिंदगी में पत्नी की अहमियत को और भी ज्यादा बढ़ा देती है। पति-पत्नी के प्रेम का यह पावन पर्व उनके रिश्ते में प्रगाढ़ता लाता है। 

श्रीमती साधना गोयल,सभासद-वार्ड नं.14 खेरागढ़

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करवा चौथ का व्रत हर साल महिलाओं द्वारा अपने पतियों के लिए किया जाता हैं और यह न केवल एक त्यौहार है बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व हैं जो प्राचीन काल से चलती आ रही है।

श्रीमती आशा चौहान, खेरागढ़

 

veenu kushwahkachhapura karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

इस पर्व का संदेश यही है कि जो लोग अपने जीवन साथी के लिए अपने सुख का त्याग करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। करवा चौथ के दिन उपवास रखने और विधि विधान से साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। साथ ही पति-पत्नी का रिश्ता और अधिक अटूट हो जाता है। करवा चौथ का व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है।

श्रीमती वीनू कुशवाह, कछपुरा खेरागढ़

Pooja chauhan karva Chauth 2023 : करवाचौथ केवल एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों का पर्व है

पति- पत्नी के बीच अटूट विश्वास का ये व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है।यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और जन्म- जन्मांतर तक उन्हें अपने पति के रूप में पाने के लिए करती हैं। पति-पत्नी के अटूट बंधन का ये व्रत हर विवाहित नारी के मन को एक सुखद अनुभूति का एहसास दिलाता है।

श्रीमती पूजा चौहान,शिव कॉलोनी खेरागढ़

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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