पटना: बिहार में एक बार फिर सियासी भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में जाने का फैसला किया। नीतीश के इस कदम से लालू-तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी सकते में है। जानिए लालू-तेजस्वी का प्लान बी क्या है।
नीतीश कुमार का इस्तीफा:
- नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को सुबह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
- उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में काम करना मुश्किल हो गया था।
- नीतीश कुमार ने एनडीए में जाने का फैसला किया।
आरजेडी की रणनीति:
- तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता ही अब न्याय देगी।
- उन्होंने कहा कि विधायकों को अपनी मर्यादा नहीं भूलनी चाहिए।
- तेजस्वी ने कहा कि पिछले 15 महीने में महागठबंधन सरकार ने जो कार्य किए हैं, उन कार्यो के साथ जनता के बीच जाने को तैयार रहें।
- उन्होंने कहा कि आरजेडी ने नीतीश कुमार को सदैव सम्मान दिया।
- तेजस्वी ने कहा कि वर्तमान हालातों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो निर्णय लेते हैं वह सर्वमान्य होगा।
- उन्होंने कहा कि जनता ही मालिक है और वहीं निर्णय लेगी।
आरजेडी का प्लान बी:
- पिछले 15 महीने में महागठबंधन सरकार के कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना।
- 10 लाख नौकरी-रोजगार देने का वादा पूरा करना।
- नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना।
- जाति आधारित गणना कराकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए लाभ की योजना शुरू करना।
- विभागों में रिक्त पदों की सूची बनवाना।
आरजेडी के लिए आगे की राह:
- आरजेडी को नीतीश कुमार के इस कदम से उबरना होगा।
- पार्टी को एकजुट रहना होगा और जनता के बीच अपनी बात रखनी होगी।
- आरजेडी को 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार करनी होगी।
यह घटना बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। आने वाले समय में आरजेडी की रणनीति क्या होगी और इसका असर बिहार की राजनीति पर क्या होगा, यह देखने लायक होगा।