आखिर सरकार को चुनाव आने पहले युवाओं को नौकरी देने की याद क्यों आ जाती है। सालो से इंतजार कर रहे युवाओं के जीवन से ऐसा खिलवाड़ क्यों,लेकिन इसका भी एक वजह है। आइए जानते है सरकारें चुनाव से पहले जनता को खुश करने के लिए भी यह प्रक्रिया का इस्तेमाल करती है यह भी एक वजह हो सकती है..आपको बताए की चुनाव आने से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती शुरू हो जाती है। सरकारी नौकरियों की भर्ती से लोगों को रोजगार मिलता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है इसकी याद चुनावो से समय ही क्यों आती है। यह सरकार के लिए एक अच्छा विकल्प होता है क्योंकि इससे उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त होता है।
भारत में, चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती का एक लंबा इतिहास रहा है। 1971 के आम चुनावों से पहले, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 10 लाख सरकारी नौकरियों की भर्ती की घोषणा की थी। इस घोषणा ने उन्हें चुनावों में जीत हासिल करने में मदद की।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती एक चुनावी रणनीति है। उनका कहना है कि सरकारें चुनावों में जीत हासिल करने के लिए इस तरह की भर्ती करती हैं उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं होता है वह बस अपने फायदे के लिए ही यह प्रक्रिया करती है युवा पढ़ लिख कर नौकरी करने की चाहत रखता है लेकिन सरकार चुनावो तक उसको इंतजार करने के भर्ती निकलती है।
चाहे यह एक चुनावी रणनीति हो या नहीं, चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती एक सामान्य है। यह सरकारों के लिए एक रणनीति है और यह उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त करने में मदद करती है और चुनावो में भी इसका असर देखने को काफी मिलता है इस काफी हद तक लाभ भी होता है।