क्या आपने सोचा है: चुनावों से पहले ही सरकारी भर्ती क्यों, रोजगार या चुनावी लाभ

Faizan Pathan
Faizan Pathan - Journalist
2 Min Read

आखिर सरकार को चुनाव आने पहले युवाओं को नौकरी देने की याद क्यों आ जाती है। सालो से इंतजार कर रहे युवाओं के जीवन से ऐसा खिलवाड़ क्यों,लेकिन इसका भी एक वजह है। आइए जानते है सरकारें चुनाव से पहले जनता को खुश करने के लिए भी यह प्रक्रिया का इस्तेमाल करती है यह भी एक वजह हो सकती है..आपको बताए की चुनाव आने से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती शुरू हो जाती है। सरकारी नौकरियों की भर्ती से लोगों को रोजगार मिलता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है इसकी याद चुनावो से समय ही क्यों आती है। यह सरकार के लिए एक अच्छा विकल्प होता है क्योंकि इससे उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त होता है।

See also  बच्चों को लालच न दें, जिम्मेदारी सिखाएं

भारत में, चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती का एक लंबा इतिहास रहा है। 1971 के आम चुनावों से पहले, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 10 लाख सरकारी नौकरियों की भर्ती की घोषणा की थी। इस घोषणा ने उन्हें चुनावों में जीत हासिल करने में मदद की।

हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती एक चुनावी रणनीति है। उनका कहना है कि सरकारें चुनावों में जीत हासिल करने के लिए इस तरह की भर्ती करती हैं उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं होता है वह बस अपने फायदे के लिए ही यह प्रक्रिया करती है युवा पढ़ लिख कर नौकरी करने की चाहत रखता है लेकिन सरकार चुनावो तक उसको इंतजार करने के भर्ती निकलती है।

See also  सड़क पर मिला 10 रुपये का नोट, आपकों पहुंचा सकता हैं जेल

चाहे यह एक चुनावी रणनीति हो या नहीं, चुनावों से पहले सरकारी नौकरियों की भर्ती एक सामान्य है। यह सरकारों के लिए एक रणनीति है और यह उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त करने में मदद करती है और चुनावो में भी इसका असर देखने को काफी मिलता है इस काफी हद तक लाभ भी होता है।

See also  दीपावली 2023: शुभ मुहूर्त, क्या करें, क्या न करें, और राशि के अनुसार शुभ रंग
Share This Article
Journalist
Follow:
फैजान पठान, संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार, पिछले पाँच वर्षों से भी अधिक राजनीति और सामाजिक सरोकारों पर गहन रिपोर्टिंग कर रहा हु। मेरी लेखनी समाज की सच्चाइयों को सामने लाने और जनसमस्याओं को आवाज़ देने के लिए जानी जाती है। निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित पत्रकारिता के करता आया हु और करता रहूंगा। ( कलम से सच बोलना मेरी पहचान है। )
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement