स्कूल से गैरहाजिर रहने वाले शिक्षक नेताजी को निलंबन के बाद मिली मनचाही तैनाती, लगातार दूसरी बार ग्रामीणों ने किया शिक्षक नेता को बनाया बंधक

Jagannath Prasad
3 Min Read

आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में जहां एक ओर नियमित रूप से ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को कार्रवाई के नाम पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर प्रभावशाली शिक्षकों को मनमर्जी की तैनाती मिलती है। ऐसा ही एक मामला ब्लॉक जगनेर के परिषदीय विद्यालय में सामने आया है, जहां शिक्षक तिलकपाल चाहर की लापरवाही और अनुशासनहीनता के बावजूद उसे निलंबन के बाद भी मनचाही तैनाती मिली।

अगस्त माह में, स्कूल समय के बाद देर से आने वाले शिक्षकों को ग्रामीणों ने विद्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया था। स्कूल का गेट बंद करके शिक्षकों को जमीन पर बिठाकर बंधक बना लिया गया। घटना के बाद प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में स्थिति को संभाला। बावजूद इसके, विद्यालय में तैनात शिक्षक संघ के नेता तिलकपाल चाहर की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। वह लगातार स्कूल से गायब रहने लगा और देर से आने की आदत को जारी रखा, जो ग्रामीणों को नागवार गुजरा।

See also  ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय संगठन की हुई घोषणा

बीते मंगलवार को, तिलकपाल चाहर फिर से देर से स्कूल पहुंचा, जिस पर ग्रामीणों ने उसे प्रवेश नहीं करने दिया। जब तिलकपाल ने धौंस जमाने की कोशिश की, तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और कथित तौर पर हाथापाई भी हुई। घटना की जानकारी विभाग को दी गई, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने तिलकपाल चाहर को निलंबित कर दिया।

निलंबन के बाद तिलकपाल को मिली मनचाही तैनाती

सूत्रों के अनुसार, तिलकपाल चाहर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का जिलाध्यक्ष है और उसने चुनाव के दौरान एक सत्ताधारी जनप्रतिनिधि के समर्थन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसका असर यह हुआ कि निलंबन के बावजूद उसे उसी ब्लॉक में या किसी अन्य पसंदीदा विद्यालय में अटैच कर दिया गया। तिलकपाल चाहर का मूल गांव खेड़िया है, जबकि उसे बेरी चाहर गांव के विद्यालय में तैनात कर दिया गया। विभाग की यह दरियादिली चर्चा का विषय बनी हुई है।

See also  टीबीएम यमुना ने ताजमहल मेट्रो स्टेशन पर किया ब्रेकथ्रू - प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में पहली टनल का निर्माण पूर्ण

विभाग का दोहरा रवैया

विभाग के कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हाल ही में निलंबित किए गए दो अन्य शिक्षकों को बरौली अहीर में तैनाती मिली थी, लेकिन पोर्टल पर नवीन तैनाती के बावजूद उन्हें उनके पुराने स्थान पर ही लौटने का आदेश दिया गया। इसके विपरीत, तिलकपाल चाहर को सत्ता से जुड़े रहने का पूरा फायदा मिला और उसे उसकी मनचाही तैनाती दी गई।

 

See also  न्याय कहाँ? बार-बार चोरी से परेशान किसान ने लगाई गुहार
Share This Article
Leave a comment