आगरा। आजकल अक्सर हम समाचारों में सुनते हैं कि शहरों में अवैध कब्ज़े हटाए जा रहे हैं। हाल ही में, कमला नगर में हुए कार्रवाई ने हमें एक बार फिर इस मुद्दे की गंभीरता याद दिलाई। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ये अवैध कब्ज़े इतने बड़े पैमाने पर कैसे फैल जाते हैं?
मेरा मानना है कि प्रशासन की उदासीनता और कुछ लोगों की लालच के कारण ही ये समस्या लगातार बढ़ रही है। कई बार ऐसा लगता है कि प्रशासन जानबूझकर इन कब्ज़ों को बढ़ने देता है, ताकि बाद में उन्हें हटाकर अपना फायदा उठाया जा सके।
आजकल शहरों में हर जगह अवैध कब्ज़े देखने को मिलते हैं, चाहे वो फ्लाईओवर के नीचे हों या फिर सड़कों के किनारे। इन कब्ज़ों की वजह से शहरों में जाम की समस्या तो होती ही है, साथ ही ये दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं।
आगरा में श्री टॉकीज के पास अवैध बस स्टैंड का संचालन होना इसका एक उदाहरण है। इस तरह के अवैध कब्ज़ों को रोकने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
मुझे लगता है कि हमें ‘रोकथाम इलाज से बेहतर’ वाली कहावत को याद रखना चाहिए। अगर हम आज ही इन अवैध कब्ज़ों को रोकने के लिए कदम नहीं उठाएंगे, तो कल हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
आइए हम सब मिलकर आगरा को एक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम करें।
राजीव गुप्ता
लोकस्वर आगरा