नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में एक पर्वत को छठे दलाई लामा के नाम पर रखे जाने से चीन एक बार फिर भड़क उठा है। भारत के इस फैसले पर चीन ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा ठोका है।
क्या है पूरा मामला?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश में 20,942 फीट ऊंची एक अनाम चोटी पर चढ़ाई की थी और इसे छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला लिया। यह फैसला दलाई लामा के मोनपा समुदाय के प्रति योगदान को सम्मानित करने के लिए लिया गया था।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने भारत के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का क्षेत्र है और भारत का इसे अपना हिस्सा बताना गलत है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार चीनी क्षेत्र में ‘अरुणाचल प्रदेश’ स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
भारत का रुख
भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत ने चीन के दावों को खारिज किया है और कहा है कि यह क्षेत्र भारत का है और रहेगा।
क्यों है यह मुद्दा महत्वपूर्ण?
अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। इस मुद्दे ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया हुआ है।