आगरा विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का मामला: कुलपति आशु रानी सहित 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर के लिए याचिका दायर

Praveen Sharma
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आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी, वीरेश कुमार ने कुलपति प्रो. आशु रानी और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष याचिका दायर की है।

वीरेश ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपनी नौकरी बहाल कराने के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। विश्वविद्यालय की एक कमेटी ने उनकी सेवा बहाली पर विचार करने का निर्णय लिया था, लेकिन रिश्वत के कारण उन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया।

वीरेश ने अपनी याचिका में विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपने साथ हुए अन्याय के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल उनका नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय में कई अन्य कर्मचारी भी इसी प्रकार के शोषण का सामना कर रहे हैं।

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सीजेएम के यहां दायर याचिका

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीजेएम ने सभी आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से क्या प्रतिक्रिया दी जाती है।

वीरेश का कहना है कि उन्हें न्याय की उम्मीद है और वह इस मामले को अंतिम निष्कर्ष तक ले जाने के लिए तैयार हैं। यह मामला शिक्षा जगत में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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