आगरा: वाइल्डलाइफ एसओएस ने एक सफल बचाव अभियान में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल आगरा किले से लगभग छह फुट लंबा भारतीय रॉक पाइथन (अजगर) पकड़ा। यह घटना आगरा किले के सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा देखी गई, जिन्होंने किले के अंदर एक लाइट पोल के पास अजगर को देखा। असामान्य दृश्य से घबराए सुरक्षा कर्मियों ने अधिकारियों को तुरंत सूचित किया, जिन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस से मदद मांगी।
अजगर का किले में घुसना: घटना की शुरुआत
आगरा किले में यह दृश्य दर्शकों और कर्मचारियों के लिए अप्रत्याशित था, जब किले के भीतर अजगर ने हलचल मचा दी। लाइट पोल के पास करीब छह फुट लंबा अजगर देखा गया, जिससे आसपास के लोग और सुरक्षा कर्मचारी घबरा गए। तत्परता से कार्रवाई करते हुए, किले के सुरक्षा कर्मियों ने अधिकारियों को सूचित किया, और तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस की मदद ली गई।
वाइल्डलाइफ एसओएस की त्वरित प्रतिक्रिया और अजगर का बचाव
वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट की दो सदस्यीय टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने यह सुनिश्चित किया कि दर्शक और कर्मचारी सुरक्षित दूरी पर हों, और फिर बड़े ध्यान से अजगर को रेस्क्यू करके कपड़े के थैले में सुरक्षित स्थानांतरित कर लिया। इसके बाद, अजगर का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया, जिसमें उसे स्वस्थ पाया गया और फिर उसे सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस का आभार और प्रतिबद्धता
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हम आगरा किले के अधिकारियों के आभारी हैं, जिन्होंने हमें तुरंत सूचित किया और त्वरित कार्रवाई की। भारतीय रॉक पाइथन एक संरक्षित प्रजाति है, और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इन जीवों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान की जाए और इन्हें इनके प्राकृतिक वातावरण में वापस भेजा जाए।”
मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व को बढ़ावा
वाइल्डलाइफ एसओएस के निदेशक कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, “इस तरह के बचाव अभियान मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व के महत्व को उजागर करते हैं। हम हमेशा त्वरित प्रतिक्रिया देकर और ऐसे मामलों को सावधानीपूर्वक संभालकर दोनों – मनुष्यों और जानवरों की भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि यदि वे संकट में या शहरी क्षेत्रों में वन्यजीवों को देखें तो हमें संपर्क करें।”
आगरा के फाउंड्री नगर में एक और बचाव अभियान
वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रेस्पांस यूनिट ने एक और सफल बचाव अभियान चलाया, जब उन्होंने आठ फुट लंबे अजगर को आगरा के फाउंड्री नगर क्षेत्र के एक डीजल इंजन और स्पेयर पार्ट्स विनिर्माण कारखाने से बाहर निकाला। कर्मचारियों द्वारा सूचना मिलने के बाद, टीम ने मौके पर पहुंचकर अजगर को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया और उसे जंगल में छोड़ा।
भारतीय रॉक पाइथन: एक संरक्षित प्रजाति
भारतीय रॉक पाइथन (अजगर) एक गैर विषैली सांप की प्रजाति है, जो मुख्य रूप से छोटे जानवरों, चमगादड़ों, पक्षियों, छछूंदर, हिरण और जंगली सूअर को अपना आहार बनाते हैं। यह प्रजाति भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के जंगलों में पाई जाती है। भारतीय रॉक पाइथन को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित किया गया है।