लंदन। भारत ने 2024 के अंत में अपनी वैश्विक ताकत का लोहा मनवाया है, और अब वह दुनिया के आठ सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में पांचवें स्थान पर है। यह लिस्ट वैश्विक शक्ति के विभिन्न पहलुओं जैसे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक प्रभाव, राजनीतिक स्थिरता और सैन्य ताकत के आधार पर तैयार की गई है।
इस लिस्ट में भारत ने कई प्रमुख देशों जैसे ब्रिटेन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ दिया है। “द एट ग्रेट पावर्स ऑफ 2025” नाम से जारी इस रिपोर्ट में सुपरपावर अमेरिका को पहले, चीन को दूसरे, रूस को तीसरे, जापान को चौथे और भारत को पांचवे स्थान पर रखा गया है। इसके बाद फ्रांस, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया का स्थान है।
भारत की बढ़ती ताकत और एशिया का दबदबा
यूरेशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को इस सूची में एक बड़े वैश्विक शक्ति के रूप में स्थान मिला है, जो एशिया के प्रभाव को दर्शाता है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में चार एशियाई देशों को जगह मिली है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक शक्ति अब यूरो-अटलांटिक क्षेत्र से हटकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर बढ़ रही है।
दुनिया की प्रमुख शक्तियों के बीच भारत का स्थान
रैंकिंग के मुताबिक, अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बना हुआ है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर है। हालांकि, चीन की बढ़ती ताकत के बावजूद अमेरिका ने अपने रक्षा और सैन्य क्षमता के कारण अपनी स्थिति बनाए रखी है। रूस, जो यूक्रेन युद्ध के बावजूद तीसरे स्थान पर बना हुआ है, अपने प्राकृतिक संसाधनों और परमाणु शक्ति के कारण अभी भी वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली है।
भारत की भूमिका और भविष्य
डॉक्टर रॉबर्ट फारले, जो अमेरिकी पैटर्सन स्कूल में सुरक्षा और कूटनीति पढ़ाते हैं, ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। उन्होंने बताया कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षेत्र में लगातार विस्तार कर रहा है, और अब उसकी रणनीति विश्वभर में मजबूत गठबंधन बनाने की है। वहीं, भारत की शक्ति बढ़ने के साथ-साथ एशियाई क्षेत्र का प्रभाव भी मजबूत हो रहा है।