आगरा: घर में घुसकर दुराचार और अन्य धाराओं में आरोपी को बरी किया गया

MD Khan
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■ घटना की रिपोर्ट 13 माह बाद कराई थी दर्ज

■ मेडिकल रिपोर्ट में दुराचार की पुष्टि नहीं हुई

■ पीड़िता के बयानों में गंभीर विरोधाभास पाए गए

आगरा: आगरा के एत्माद्दोला थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को दुराचार और अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया है। आरोपी आकाश पुत्र पप्पू निवासी प्रकाश नगर पर आरोप था कि उसने वादिनी के घर में घुसकर दुराचार किया था। यह मामला 13 जून 2023 को दर्ज किया गया था, जब वादिनी ने थाना एत्माद्दोला में आरोप लगाया था कि आरोपी आकाश ने उसके घर में घुसकर उसे धमकाया और उसके साथ जबरन दुराचार किया।

हालांकि, जांच और सुनवाई के दौरान अदालत में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ। वादिनी ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसे धमकाकर कई बार दुराचार किया, लेकिन इस आरोप के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य नहीं पाए गए।

अदालत में अभियोजन पक्ष ने वादिनी और पांच गवाहों के बयान पेश किए, लेकिन आरोपी के अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह ने कई महत्वपूर्ण तर्क पेश किए। उन्होंने यह कहा कि घटना की रिपोर्ट में 13 माह की देरी की गई थी, जो स्वाभाविक रूप से संदेहास्पद था। इसके अलावा, मेडिकल रिपोर्ट में भी दुराचार की कोई पुष्टि नहीं हुई थी। इसके साथ ही, वादिनी के बयानों में भी गंभीर विरोधाभास पाए गए, जिससे यह मामला कमजोर हो गया।

अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सभी तर्कों और साक्ष्यों का विश्लेषण किया और अंततः आरोपी आकाश को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का आदेश दिया।

न्यायालय का निर्णय

अपर जिला जज 10, काशी नाथ ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी आकाश को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में साक्ष्यों और पीड़िता के बयानों में विरोधाभास थे, जिससे आरोपी पर आरोप साबित नहीं हो सके।

यह निर्णय इस बात को स्पष्ट करता है कि किसी भी मामले में न्याय का पालन साक्ष्य और तथ्य पर आधारित होना चाहिए।

आगे की राह

यह मामला इस बात का भी उदाहरण बनता है कि दुराचार जैसे गंभीर आरोपों के लिए उचित साक्ष्य और सही समय पर रिपोर्ट दर्ज कराना बेहद जरूरी है, ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके और न्याय मिल सके।

 

 

 

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