जैथरा (उत्तर प्रदेश): जैथरा क्षेत्र के बिछंद पहाड़पुर गांव में चारागाह के लिए आरक्षित ढाका जमीन पर दबंगों ने अवैध कब्जा कर लिया है, जिसके कारण ग्रामीणों में गहरी नाराजगी और चिंता का माहौल बन गया है। यह जमीन करीब 200 बीघा है, जो पहले गोवंश के लिए चारा और दाना उगाने के काम आती थी, लेकिन अब अवैध कब्जे के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस जमीन को कब्जाधारियों से मुक्त करवा लिया जाए, तो इसका इस्तेमाल गोवंश के लिए चारे, दाने और पानी की व्यवस्था के लिए किया जा सकता है। वर्तमान में इस जमीन पर कब्जे के कारण, गांव में पशुओं के लिए भोजन और चारे की कमी हो गई है, जिससे गोवंश की स्थिति दयनीय हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, पशुपालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और गोवंश के पालन-पोषण में कठिनाई आ रही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि चारागाह की भूमि पर कब्जा करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह गांव के सामूहिक हितों के खिलाफ भी है। उनका आरोप है कि अगर प्रशासन इस मामले में जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
यह मामला केवल भूमि विवाद नहीं बल्कि गांव के पर्यावरण और पशुधन संरक्षण की भी गंभीर समस्या को उजागर करता है। अगर इस मामले में प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तो इसका असर क्षेत्रीय कानून-व्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि स्थानीय प्रशासन इस समस्या का समाधान किस प्रकार करता है और क्या जल्द ही इस जमीन को दबंगों से मुक्त कराया जाएगा।