बीरेन सिंह ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, “मैंने हिंसा में अपनों को खो चुके लोगों और विस्थापित हुए लोगों से माफी मांगी है। मैं आतंकवादियों से माफी क्यों मांगूंगा? उनसे माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।” उनका यह बयान राज्य में हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में था, जिसमें कई निर्दोष लोग प्रभावित हुए थे।
मुख्यमंत्री की माफी: एक मानवीय दृष्टिकोण
बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि माफी उन्होंने एक मानवीय दृष्टिकोण से मांगी है और यह केवल हिंसा के शिकार हुए निर्दोष नागरिकों के लिए थी। उन्होंने कहा, “मैंने विपक्षी दलों के आरोपों को नजरअंदाज करते हुए यह माफी उन लोगों के लिए मांगी है जिन्होंने हिंसा में अपनों को खोया। मेरा उद्देश्य सिर्फ मानवीय आधार पर अपनी संवेदनाओं का इज़हार करना था।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विपक्ष को हमेशा आलोचना करने का मौका मिल जाता है, चाहे वह किसी भी मुद्दे पर हो। “विपक्ष सूर्य को चांद कहे तो हम क्या कर सकते हैं। उनका कोई विचारधारा नहीं है,” उन्होंने कहा। यह स्पष्ट रूप से उनके आलोचकों के प्रति एक सीधा संदेश था।
मणिपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री का बयान
बीरेन सिंह ने 3 मई, 2023 से मणिपुर में जारी हिंसा के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने मणिपुर की जनता से अपील की थी कि वे भविष्य में शांति और सद्भाव के लिए प्रयास करें और अतीत को माफ कर नए साल में एक नई शुरुआत करें। मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के विकास कार्यों, उपलब्धियों और आगामी योजनाओं पर भी चर्चा की।
अवैध प्रवासियों की समस्या पर मुख्यमंत्री का बयान
मणिपुर सरकार की प्राथमिकताओं में अवैध प्रवासियों की समस्या को हल करना भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से अवैध प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है। इस संदर्भ में, सरकार इनर लाइन परमिट के बिना राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करने के प्रयास जारी रखे हुए है।
उन्होंने कहा, “हम अवैध अप्रवासियों के संबंध में बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को जारी रखे हुए हैं। इसके तहत, जनवरी 2025 से आधार-लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया जाएगा। पहले चरण में यह प्रक्रिया तीन जिलों में लागू की जाएगी और इसे अगले साल 15 जनवरी से लॉन्च किया जाएगा।”