अंबेडकर नगर जिले के कटेहरी एसडीओ की शिकायतें अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक

लखनऊ ब्यूरो
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पिछले एक सप्ताह से लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच रही है शिकायतें

जब तानाशाह अधिकारी चलाएंगे विभाग तब कैसे रुक पाएगा उपभोक्ताओं का शोषण

लखनऊ | लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को शिकायतकर्ताओं से मधुर संवाद रखने की अपील की जाती रही है, लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें अपने पद का घमंड इतना ज्यादा होता है कि वह स्वयं को मुख्यमंत्री से कम नहीं समझते हैं |हालांकि समय-समय पर ऐसे अधिकारियों पर मुख्यमंत्री का चाबुक चलता आया है, लेकिन फिर भी कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं | ऐसे ही अधिकारियों में इन दिनों अंबेडकर नगर जिले के एसडीओ कटेहरी वरुण कुमार की चर्चा सुनने को मिल रही है | प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक इनकी दर्जनों शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी हैं |अब देखना यह होगा कि साहब कब तक अपने पद का रौब उपभोक्ताओं पर उतार पाएंगे | 

अब देखना दिलचस्प होगा एसडीओ कटेहरी पर कब चलेगा शासन का हंटर

 

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SDO का कार्यालय क्षेत्र से 15 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित

एसडीओ कटेहरी का कार्यालय अपने कार्यक्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, ऐसे में उपभोक्ताओं को अपनी समस्याओं को क्षेत्र के एसडीओ तक पहुंचाने में पूरे दिन का समय लग जाता है, जरूरी यह भी नहीं है कि एसडीओ के पद पर बैठे तानाशाह एक बार में उपभोक्ता की समस्या का निराकरण कर दें | ज्यादातर मामलों में उपभोक्ताओं को दो से तीन बार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है, ऐसे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, खेतीहर मजदूर और किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है | लेकिन जिले के विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन सब पर अपनी आंखें बंद कर एसडीओ को खुली छूट देकर बैठे हुए हैं |

एसडीओ के तानाशाही रवैए से उपभोक्ता है पीड़ित

जिस तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार अधिकारियों को जनता की समस्याओं को त्वरित निस्तारण करने का निर्देश दिया जाता रहा है, उसका पालन अंबेडकर नगर जिले के उपखंड अधिकारी कटहरी करते नजर नहीं आ रहे हैं | पिछले दिनों एक उपभोक्ता ने जब अपने बिल संशोधन में विलंब के लिए एसडीओ से प्रश्न पूछा तो उन्होंने उसके प्रार्थना पत्र को अपने कार्यालय के बाहर फेंकते हुए उस पर चोरी का मुकदमा करने की धमकी तक दे डालें | इस तरह के मामले प्रत्येक दिन देखने को मिल रहे हैं, शायद ही किसी आम आदमी का बिजली बिल रिवाइज्ड एसडीओ कटेहरी ने किया हो | हां इतना जरूर है यदि आप किसी दलाल के माध्यम से एसडीओ कटेहरी को खुश कर पाते हैं तो निश्चित तौर पर आपका बिल मिनट में रिवाइज्ड हो जाएगा |

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एसडीओ और मीटर रीडरों के गठजोड़ से चल रहा है खेल

एसडीओ कटेहरी ने मीटर रीडरों के साथ गठजोड़ कर ऐसा नेटवर्क तैयार किया है जिसमें आम उपभोक्ता पिसते नजर आ रहे हैं, इस गठजोड़ का नतीजा यह है कि प्रत्येक माह हजारों की संख्या में गलत बिल बनाए जा रहे हैं और बिल सही करने के नाम पर बड़े पैमाने पर धन उगाही की जा रही है | क्योंकि आम आदमी के पास बिल सही कराने के लिए पूरा दिन व्यर्थ करने का समय नहीं है, ऐसे में वह दलालों के माध्यम से कुछ पैसे देकर अपना बिल सही कराना ज्यादा बेहतर समझता है | इस प्रकार के गठजोड़ से कटेहरी जोन से जुड़े हुए अधिकारी मालामाल हो रहे हैं |

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सरकार के खिलाफ माहौल तैयार कराने में एसडीओ कटेहरी की है बड़ी भूमिका

इस चक्रव्यूह में जब आम उपभोक्ता फंसता है तब वह अधिकारियों के बजाय सरकार की कार्यशैली और नीतियों को कोसता है | उसे यह लगता है कि विद्युत विभाग के द्वारा जो उसका शोषण हो रहा है, उसमें सरकार की मंशा है और इससे सरकार के खिलाफ माहौल तैयार होता है | विद्युत विभाग एक ऐसा विभाग है जिससे हर परिवार जुड़ा हुआ है और यदि उपभोक्ताओं में विद्युत विभाग के खिलाफ आक्रोश रहेगा तो निश्चित तौर पर सत्ताधारी दल को इसकी कीमत चुनावों में चुकानी पड़ेगी |

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